CAA और NRC जैसे सम्प्रदायिक औजारों से चुनाव लड़ना चाहती है बीजेपी- अखिलेश यादव

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यहां मंगलवार को कहा कि पहले गोरखपुर में साल 2007 में हुए दंगे के आरोपियों से सरकारी संपत्ति की क्षतिपूर्ति वसूली जाए, उसके बाद ही सीएए का विरोध करने वालों से क्षतिपूर्ति वसूल की जाए।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री उन्नाव के हसनगंज की दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद उसके परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी लाकर सरकार जनता का ध्यान भटका रही है और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के इस औजार के बूते अगला चुनाव लड़ना चाह रही है।

अखिलेश ने कहा, “मुख्यमंत्री प्रदर्शनकारियों से सरकारी संपत्ति की क्षतिपूर्ति वसूलने की बात कह रहे हैं। मेरी मांग है कि पहले गोरखपुर में 2007 में हुए दंगे के आरोपितों से क्षतिपूर्ति की वसूली हो, फिर सीएए का विरोध करने वालों से सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का जुर्माना वसूला जाए।”

सपा प्रमुख ने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है। पीड़ितों को न्याय नहीं मिल रहा है, उन्नाव जनपद की दो घटनाएं इसका प्रमाण हैं। अगर न्याय मिला होता तो दुष्कर्म की शिकार बेटियों को जान नहीं गंवानी पड़ती। पीड़िता के परिवार को सपा हर हाल में न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करेगी।

अखिलेश ने लगभग 20 मिनट तक पीड़िता के परिवारिक सदस्यों से बात की। परिजनों ने आरोपियों को फांसी दिलाने की मांग उठाई और मांगपत्र भी सौंपा।

सपा प्रमुख ने पीड़िता के परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी। उन्होंने कहा, “मैं सरकार से मृतका के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, सुरक्षा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग करूंगा।”

अखिलेश ने कहा कि उन्नाव में दुष्कर्म पीड़िता की मौत की असली जिम्मेदार पुलिस है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के बजाय उन्हें बचने का पूरा मौका दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज पर कटाक्ष करते हुए कहा, “वह महाराज नहीं हो सकते। केवल गेरुआ वस्त्र पहनने से सम्मान नहीं मिलता। ऐसे वस्त्र कई बार धोखा देने के लिए भी पहने जाते हैं।”