मुस्लिम यादवों के डेटा तैयार करवा रहे हैं अखिलेश यादव!

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अखिलेश तथ्यों के साथ जवाब देना चाह रहे हैं। इसलिए अभी वह मुस्लिम और यादवों का एक डेटा तैयार करा रहे हैं, जिसमें एक-एक विधानसभा में कोर वोटर का हिसाब दें। वह बताना चाहेंगे कि उन्होंने कितनी ईमानदारी के साथ गठबंधन को निभाया है।

इसलिए वह खमोश हैं।’ लोकसभा चुनाव में संतोषजनक सीटें न मिलने से मायावती खफा हैं। वह 12 सीटों पर होने वाले विधानसभा के उपचुनाव और 2022 में होने वाले चुनाव को लेकर पार्टी में बड़े बदलाव कर रही हैं। मायावती ने लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही सपा पर हमले शुरू कर दिए थे।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, सपा के मुरादाबाद से सांसद डॉ़ एस.टी. हसन ने मायावती के हमले पर तो प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन उन्होंने कहा, ‘पहले भी हम अकेले लड़ते थे, आगे भी अकेले लड़ेंगे। अखिलेश यादव कभी फोन करके हिंदू मुस्लिम की बात नहीं करते हैं।

हमारी पार्टी के पास जनाधार है। बसपा के पास एक भी सीट नहीं थी, अब वह 10 पर है। वह (मायावती) हमारी जुबान से सब क्यों कहलवाना चाहती हैं।’

उन्होंने कहा, ‘लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों का वोट सपा को गया है और हमारा वोट बसपा को भी मिला है। मायावती ही बता सकती हैं उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया है। इस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव निर्णय लेंगे। अगर वह नहीं चाहती हैं तो हम भी अकेले चुनाव लड़ेंगे।’