येरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद परिसर को रमजान के पवित्र उपवास महीने के दौरान बंद कर दिया जाएगा। कोरोना वायरस के संक्रणम को फैलने से रोकने के लिए इस्लाम के तीसरे-सबसे पवित्र स्थल को बंद रखने की घोषणा मौलवियों ने की है।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, जॉर्डन से नियुक्त परिषद ‘येरुशलम इस्लामिक वक्फ’ जो पवित्र परिसर की देखरेख करती है, उसने इस फैसले को दर्दभरा बताया है।
गुरुवार को प्रकाशित एक बयान में, परिषद ने कहा कि यह कदम कानूनी फतवे और चिकित्सा सलाह के अनुरूप है। काउंसिल ने कहा कि अपनी सुरक्षा के लिए मुसलमानों को रमजान के महीने के दौरान अपने घरों में ही नमाज अदा करनी चाहिए।
धार्मिक कार्यकर्ताओं को अल-अक्सा मस्जिद परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। कोरोना वायरस के कारण बंद के दौरान ही रमजान 23 अप्रैल के आसपास शुरू होगा।
यहां आमतौर पर रमजान के महीने में प्रतिदिन हजारों मुसलमान शाम की नमाज अदा करते हैं, जिसे तरावीह के नाम से जाना जाता है। मुसलमानों का मानना है कि इसी स्थान से पैगंबर मोहम्मद स्वर्ग में गए थे।
येरुशलम में यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम के लिए पवित्र स्थल हैं। तीनों धर्मों ने कोरोना वायरस के कारण सावधानी बरती है। इससे पहले कोरोना वायरस के कारण येरुशलम के पवित्र कब्र वाले चर्च को 700 साल के बाद बंद कर दिया गया था।
इस्राइल लगभग 140 लोगों की मौत कोरोनो वायरस से हुई है और लगभग 12,600 मामले दर्ज किए हैं। फिलिस्तीनी प्राधिकरण के कब्जे वाले वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में दो मौतें और लगभग 400 मामले दर्ज किए गए हैं।
इस बीच, फिलिस्तीन में, वायरस के लगभग 400 मामले सामने आए। अधिकारियों ने दो मौतों को दर्ज किया है।