“देश के युवा नेताओं में फैसल खान सबसे बेहतरीन नेतृत्व करने की सलाहियत रखते हैं। वे अपनी समाज की हर पहलुओं पर नज़र रखते हैं, और समाजिक मुद्दो को आवाज़ बनकर उठाते रहते हैं”
15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। इतनी बड़ी खुशियों के बावज़ूद भारत के लोगों में एक गम था देश के बटवारे का। खैर हालातों का इस देश ने जमकर सामना किया।
इस देश के मुस्लिमों ने इस देश में ही रहने का फैसला किया और वे पाकिस्तान नहीं जाने का फैसला लिया।
इस देश के मुस्लिमों में डेवेलपमेंट को लेकर अक्सर बातें उठती रहीं हैं। शिक्षा और आर्थिक दृष्टिकोण से हमेशा पिछड़े रहने की बात उठती रही है।
समय के साथ बहुत कुछ बदला मगर मुसलमानों को अपना नेता और रहनुमाई करने वाले की कमी रही है।
कोलकाता के रहने वाले फैसल खान ने बताया कि हम मुसलमानों के तालीम पर हेल्थ सेक्टर पर काम करेंगे और मुस्लिम समाज को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। फैसल खान एक समाजिक शख्सियत रखते हैं और साथ ही कई संगठनों से जुड़े हुए हैं। उनकी एक पहचान उलेमा बोर्ड के सचिव और पश्चिम बंगाल के इंचार्ज के तौर पर भी है।
मैंने उनसे कई बार फोन पर बात करके पुछा है कि आपके मकसद क्या है? जवाब में मुझे उन्होंने कहा कि मैं मौजूदा वक्त में मुस्लिम समाज में पिछड़ेपन को देखते हुए इनके मुद्दों पर काम करने की कोशिश कर रहा हूं। फैसल खान ने आगे कहा कि शिक्षा और तालीम पर बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है और हम इन्हीं मुद्दों पर काम करेंगे और इनमें इंकलाब लायेंगे।
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कोलकाता से कुछ किलोमीटर दूर मलिकपुर में 15 अगस्त को भाषण देने के दौरान वहां के रहने वाले लोगों के लिए कई मुद्दों को अपनी भाषण में रखा। उन्होंने वहां के खराब रोड को लेकर नेतृत्व पर सवाल खड़े किए।
वहां के रहने वाले लोगों से अपील की- आपके लिए हमारी मेडिकल टीम हमेशा तैयार रहेगी, आप जब भी आवाज़ देंगे हम और हमारे लोग सेवा में हाजिर रहेंगे।
मालूम हो कि फैसल खान एक युवा पीढ़ी के नेतृत्व करने वाले चहरे हैं। उन्होंने समाज के कई मसाएल को लेकर काम किया है।
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