मोहन भागवत ने कहा-‘सभी हिंदू पूर्वजों के ही वंशज हैं’

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देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक पुस्तक विमोचन के अवसर पर कहा कि गांधी जी ने कहा था कि सत्य लगातार अनुसंधान का नाम है।

पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, इस काम को करते हुए आज आज हिंदू समाज थक गया है। हिंदू समाज सो गया है। लेकिन जब जागेगा, पहले से ज्यादा ताकतवर होकर सामने आएगा। वो अपनी क्षमता से संपूर्ण दुनिया को प्रकाशित कर देगा।

मोहन भागवत ने कहा कि पहले आक्रामणकारी शक्तियां संपत्ति के लिए भारत आईं। शक, हूण और कुषाण आए। लेकिन वो सभी हमारे भीतर समाहित हो गए।

बाद में इस्लाम आया। उसका भाव यही था कि जो हमारे जैसा है वही रहेगा और जो हमारे जैसे नहीं है उसे रहने का अधिकार नहीं।

इस सोच को हकीकत में तब्दील करने के लिए हमारे सांस्कृतिक प्रतीक तोड़े गए। श्रद्धाओं का दमित किया गया। इस बात को लेक लंबे समय तक लड़ाई चली।

नतीजा यह हुआ कि आक्रांता भी भारतीय सांस्कृतिक परंपरा से प्रभावित होने लगे। समरसता आने की प्रक्रिया शुरू हुई। दाराशिकोह जैसे लोग भी हुए जिन्होंने वेदों को पढ़ा, जाना और उनका अनुवाद किया।

लेकिन औरंगजेब ने जो किया वो मुसलमानों के साथ एकता स्थापित होने की प्रक्रिया को विस्थापित करने की ही प्रक्रिया साबित हुई। आज भारत में विदेशी कोई नहीं।

सभी हिंदू पूर्वजों के ही वंशज हैं। कोई हमको बदल देगा ऐसा भय नहीं है।

किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर उन्होंने कहा कि यदि किसान पर्याप्त उद्यम करे, तो उच्च जीवन व्यतीत कर सकता हैं। आत्मनिर्भर भारत इसके उदाहरण हैं।