हरियाणा चुनाव में कांग्रेस ने बेहतरीन वापसी की है, वहीं बीजेपी की सीटें कम हो गई हैं। मेवात के तीनों सीट कांग्रेस के खाते में गयी है। ये तीनों मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है
हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, हरियाणा में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। लेकिन भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं 2 नंबर पर कांग्रेस पार्टी है और 3 नंबर पर दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) है।
Nuh sees a closely fought contest where #congress wins by just 4k votes defeating popular sitting MLA Zakir Hussain, who won with a massive 32k votes last time: #bjp tag appears to cost him owing to grievances of voters in Mewat with party(1) #Haryanahttps://t.co/fgtTy911AD
— Sumer Sharma (@sumer1311) October 24, 2019
हालांकि भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर तो उभरी है मेवात की तीनों विधानसभा सीट पर उसे जीत नसीब नहीं हुई है। लेकिन साल 2019 में भी भाजपा को नूंह, फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना में जीत नहीं मिली है।
नूंह से कांग्रेस के आफताब अहमद जीते
मेवात की तीनों विधानसभा सीटों पर फिर हारी भाजपा नूंह विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार ज़ाकिर हुसैन को इंडियन नेशनल कांग्रेस के आफताब अहमद ने 4038 वोटों से हराया है। लेकिन 2014 में इंडियन नेशनल लोकदल से जाकिर हुसैन ने जीत हासिल की थी।
फिरोजपुर से कांग्रेस के मम्मन खान जीते
फिरोजपुर झिरका विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार नसीम अहमद को इंडियन नेशनल कांग्रेस के मम्मन खान 37004 वोटों से हराया है। लेकिन वर्ष 2014 में इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी से नसीम अहमद जीत दर्ज की थी।
पुन्हाना से कांग्रेस के मोहम्मद इल्यास जीते
पुन्हाना विधानसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार नौक्षम चौधरी और निर्दलीय उम्मीदवार को इंडियन नेशनल कांग्रेस के मौहम्मद इल्यास ने हराया है। इस सीट पर 2014 में निर्दलीय उम्मीदवार रहीशा खान ने जीत हासिल की थी।
2014 में भी नहीं खुला था बीजेपी का खाता
मेवात में 2014 में भी नहीं खुला था बीजेपी का खाता भारतीय जनता पार्टी मेवात इलाके में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने की कवायद काफी लंबे समय से कर रही थी। लेकिन साल 2019 में भी विफल साबित हुई।
मुस्लिम बहुल क्षेत्र में पैर नहीं जमा सकी बीजेपी
भाजपा मुस्लिम बहुल इलाका होने की वजह से यहां पैर नहीं जमा सकी। इसी का नतीजा है कि 2014 के विधानसभा चुनाव में मेवात इलाके की तीन विधानसभा सीटों में एक सीट पर भी जीत नहीं दर्ज कर सकती थी। तीन सीटें अन्य दलों के खातों में गईं थी।