अमेरिका से समझौते के बाद अब अफगानिस्तान सरकार से तालिबान से होगी बातचीत!

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अफगानिस्तान के गृहयुद्ध में शामिल पक्षों के बीच शांति वार्ता की बात काफी समय से चल रही है। अमेरिका से समझौते के बाद से ही तालिबान और सरकारी पक्ष के बीच बातचीत के कयास लग रहे हैं। अब ये बातचीत कतर में होगी।

 

डी डब्ल्यल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, अमेरिका से फरवरी में हुए समझौते के बाद से ही तालिबान और अफगानिस्तान के सरकारी पक्ष के बीच बातचीत के कयास लग रहे हैं।

 

अब तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि ये बातचीत कतर में होगी। महीनों से नियोजित अंतर-अफगानी शांति वार्ता खाड़ी के देश कतर में होगी।

 

रविवार को अफगानिस्तान सरकार के प्रवक्ता सेदिक सिद्दिकी ने ये सूचना दी थी। अब तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।

 

दोनों पक्षों की पहली मुलाकात दोहा में होगी लेकिन सीधी बातचीत की जगह अभी तय नहीं हुई है। प्रेक्षकों का कहना है कि तालिबान चाहता है कि बातचीत दोहा में हो जहां उसने 2013 से ही अपना राजनीतिक दफ्तर खोल रखा हैै।

 

शांति वार्ता के लिए अबी तक कोई तारीख तय नहीं हुई है। इस बातचीत का मकसद अफगानिस्तान में हिंसक विवाद का खात्मा है। काबुल सरकार और चरमपंथी इस्लामी संगठन तालिबान बंदियों की अदला बदली के एक समझौते पर काम कर रहे हैं।

 

बातचीत शुरू होने से पहले बंदियों की अदला बदली भरोसे का माहौल बनाने का काम करेगी। हाल में तालिबान के बढ़ते हमलों के बाद बंदियों की अदला बदली रुक गई थी।

 

अफगानिस्तान की सुरक्षा परिषद ने रविवार को कहा कि पिछले एक हफ्ते में तालिबान ने 222 आतंकी हमले किए हैं जिनमें देश के 422 सैनिक या तो मारे गए हैं या घायल हो गए हैं।

 

आम तौर पर अफगानिस्तान की सरकार तालिबान के साथ लड़ाई में मरने वाले अपने सैनिकों की तादाद के बारे में कोई जानकारी नहीं देती है। लेकिन पिछले हफ्तों में तनाव में कमी के बाद बंदियों की अदला बदली के लिए हालात बेहतर हुए हैं।