तालिबान के साथ समझौते की तैयारी में अमेरिका, आंशिक संघर्ष विराम शुरू

   

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा है कि लंबे समय के बाद तालिबान के साथ बात बन गई है। इससे अफगानिस्तान में हिंसा रुक सकेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में हिंसा रोकने के लिए एक समझौते पर अमेरिका 29 फरवरी को हस्ताक्षर करने की तैयारी कर रहा है।

सऊदी अरब दौरे के बाद एक बयान जारी करके अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो ने कहा कि इस सहमति के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन से अमेरिका-तालिबान के बीच समझौते पर दस्तखत की दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद है। अमेरिका और तालिबान के बीच कतर की राजधानी दोहा में इस पर मुहर लग सकती है।

अफगानिस्तान में पिछले 18 साल से जारी संघर्ष के बीच तालिबान के एक सूत्र ने भी इसकी पुष्टि की है कि दोनों पक्ष इस पर सहमति के बेहद करीब पहुंच चुके हैं। पाकिस्तान में एक तालिबान सूत्र ने बताया कि सारी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है।

नेतृत्व परिषद शूरा ने करार पर तालिबान वार्ताकारों को आगे बढ़ने के संकेत दे दिए हैं। बता दें कि भारत दौरे पर आने से पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी अमेरिका-तालिबान के बीच जल्द शांति समझौते की बात कह चुके हैं।

22 फरवरी से आंशिक संघर्ष विराम शुरू
अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के प्रवक्ता जावेद फैसल ने भी कहा है कि अफगान सुरक्षा बलों और अमेरिका व तालिबान के बीच हिंसा में कमी जल्द ही हो जाएगी। उन्होंने शनिवार 22 फरवरी से हिंसा में कमी आने का दावा करते हुए कहा कि यह कमी एक सप्ताह तक जारी रहेगी। उन्होंने माना कि हिंसा के पूरी तरह खत्म होने में समय लगेगा। आंशिक संघर्ष विराम शनिवार से शुरू होगा।

अफगानिस्तान से हटेगी अमेरिकी सेना
अमेरिका एक साल से अधिक समय से तालिबान के साथ बातचीत करके समझौते की कोशिश कर रहा है। इसके तहत वह तालिबान की सुरक्षा गारंटी के बदले हजारों सैनिकों को हटाएगा। इसके बाद तालिबान अपने बलों को नियंत्रित कर सकता है। इसके तत्काल बाद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय अफगानिस्तान में फिलहाल मौजूद 12-13 हजार सैनिकों में से करीब आधे सैनिकों को वापस बुला लेगा।

पोम्पिओ ने ट्वीट कर कहा- यह मौका न छोड़ें

अफगानिस्तान में साल 2001 से अमेरिका और तालिबान के बीच चल रहा संघर्ष अब खत्म होने को है। दरअसल, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने सऊदी अरब दौरे के बाद एक बयान जारी करने से पहले एक ट्वीट में इस बात के संकेत दिए थे।
विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अपने ट्वीट में लिखा कि दशकों के संघर्ष के बाद, हम तालिबान के साथ अफगानिस्तान में हिंसा में कमी लाए जाने को लेकर एक आपसी समझ विकसित करने पर पहुंचे हैं। यह क्षेत्र में शांति बहाली की दिशा में एक बड़ा कदम है, मैं चाहूंगा कि सभी अफगानी इस अवसर को अपने हाथ से न जाने दें।

इससे पहले सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि दोनों देशों के बीच कतर में एक समझौता होने की संभावना है। तालिबान के एक सूत्र ने बीते मंगलवार को बताया था कि दोनों ही पक्ष इस पर सहमत होने के बेहद करीब हैं।

वहीं एक अफगान अधिकारी के हवाले से कहा गया था कि दोनों देशों के बीच समझौता 29 फरवरी को दोहा में हो सकता है, जो कि अमेरिका और जिहादियों के बीच लंबी वार्ता के बाद हिंसा में कमी लाने की अवधि की सफलता पर निर्भर करता है। अफगानिस्तान में अमेरिका अपने सैनिकों की उपस्थिति को कम करना चाहता है।

इससे इतर पाकिस्तान में तालिबान के एक सूत्र के हवाले से खबर आई थी कि सारी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। नेतृत्व परिषद ने करार पर तालिबान वार्ता टीम को आगे बढ़ने का संकेत दिया है।