क्या अमेरिका दुसरे देशों को हथियार खरीदने पर मजबूर करता है?

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह अमेरिकी हथियारों को बेचने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, “मैं हथियारों का सौदागर हूं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने सीएनबीसी टीवी चैनल से अपने टेलीफ़ोनी इंटरव्यू में इस बात को स्वीकार किया है कि वह अमेरिकी हथियारों के व्यापारी हैं और वह दुनिया के दूसरे देशों को बड़े स्तर पर अमेरिकी हथियारों की ख़रीद के लिए तैयार करते हैं।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, ट्रम्प ने कहा कि हम अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों से कहते हैं कि तुम्हे चाहिए कि हमारे बनाए हुए युद्धक हेलीकॉप्टरों को ख़रीदो और अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो हम नाराज़ हो जाएंगे और फिर उन देशों के राष्ट्राध्यक्ष हमारे युद्धक हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमान एफ़-35 ख़रीद कर हमारी मदद करते हैं।

इससे पहले फ्रांस प्रेस ने ख़बर दी थी कि डोनल्ड ट्रम्प ने अपने हालिया जापान दौरे पर, दोनों देशों के बीच होने वाली वार्ता में जापान के हाथों 135 एफ़-35 लड़ाकू विमान बेचने का समझौता किया है।

हालांकि इस समझौते के मूल्यांकन की अभी घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि एक एफ़-35 युद्धक विमान की क़ीमत 95 मिलयन डॉलर से लेकर 120 मिलयन डॉलर तक है।

ट्रम्प ने जापान पहुंचते ही कहा था कि अमेरिका और जापान के बीच जारी व्यापार में इधर कुछ समय से कमी आई है इसलिए वह जापानी अधिकारियों पर इस बात का दबाव बनाएंगे कि वह अमेरिका से हथियारों की ख़रीद में वृद्धि करें।

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी हथियारों की ख़रीद, विशेषकर सऊदी अरब द्वारा बड़ी संख्या में ख़रीदे जा रहे हथियारों को लेकर दुनिया भर के मानवाधिकार संगठनों ने बारमबार अपनी आपत्ति जताई है।