जूलियन असांजे पर अमेरिका सख्त, प्रत्यर्पण की कोशिश तेज़!

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संयुक्त राज्य अमरीकी की सरकार ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के लिए यूनाइटेड किंगडम को औपचारिक रूप से एक प्रत्यर्पण अनुरोध प्रस्तुत किया है। असांजे पर अमरीकी कंप्यूटरों को हैक करने और वहां के कानूनों को तोड़ने का आरोप है।

गौरतलब है कि इस साल असांजे को ब्रिटेन स्थित इक्वाडोर के दूतावास से गिरफ्तार किया गया था। इस समय वह ब्रिटेन की जेल में कैद है। विकीलीक्स के संस्थापक असांजे ने कई बड़े खुलासे किए हैं। पनामा पेपर लीक विकीलीक्स का सबसे बड़ा खुलासा था। इस खुलासे में भारत,पाकिस्तान समेत कई देशों में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए।

बीते दिनो अमरीका ने असांजे पर जासूसी अधिनयम के तहत 17 नए आरोप लगाए हैं। अमरीका की एक संघीय ग्रैंड जूरी ने जूलियन असांजे के खिलाफ जासूसी अधिनियम के तहत 17 अतिरिक्त आरोपों की घोषणा की। अमरीका का नया अभियोग 2010 में प्रकाशित विकीलीक्स के अमरीकी दस्तावेजों से संबंधित है।

पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, आरोपों में कहा गया है कि असांजे ने गलत तरीके से उन व्यक्तियों के नामों का खुलासा किया जो अमरीकी सरकार के साथ काम कर रहे थे। असांजे को जासूसी अधिनियम के तहत आरोपित किया जा रहा है।

अगर यह आरोप साबित हो गए तो उनको अधिकतम 170 साल की सजा हो सकती है। इससे मतलब है कि प्रत्येक आरोप के लिए उन्हें दस साल की सजा हो सकती है।