शाह ने जोर देते हुए कहा कि जब से जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को रद्द किया गया है, तब से लेकर अभी तक कश्मीर में न तो एक भी गोली चलाई गई है और न ही किसी की मृत्यु हुई है
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि फिलहाल कश्मीर घाटी के कुल 196 पुलिस स्टेशनों में से महज 10 पुलिस थाना क्षेत्र में ही प्रतिबंध कायम है।
At least three people have died as a result of security forces action since August 5 — one boy, one old man and one woman — yet @AmitShah insists on peddling the zero casualty myth. He gets away with it because the familes of the dead are not being given death certificates. https://t.co/krhh73jGwi
— Siddharth (@svaradarajan) October 7, 2019
इसके साथ ही शाह ने जोर देते हुए कहा कि जब से जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को रद्द किया गया है, तब से लेकर अभी तक कश्मीर में न तो एक भी गोली चलाई गई है और न ही किसी की मृत्यु हुई है।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में 2018 बैच के नवनियुक्त अधिकारियों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद एक भी गोली नहीं चली है न ही किसी व्यक्ति की मौत हुई है।
J&K won't remain a Union Territory forever: Amit Shah – https://t.co/oc5XRXY8mV pic.twitter.com/70bv1wNJ5F
— Kashmir Life (@KashmirLife) October 7, 2019
कश्मीर के 196 में से केवल 10 पुलिस स्टेशनों में ही धारा-144 लागू है। शाह ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर हमेशा के लिए केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा और स्थिति सामान्य होने पर राज्य वापस उसकी स्थिति में कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, सभी क्षेत्रीय पहचान भारतीय संविधान द्वारा स्वाभाविक रूप से संरक्षित हैं। अनुच्छेद-370 सीमा पार आतंकवाद का मूल कारण था। नागरिक राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) की आवश्यकता पर उन्होंने कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बल्कि सुशासन के लिए भी आवश्यक है।
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि एनआरसी को एक राजनीतिक कवायद के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। देश के सभी नागरिकों तक विकास का लाभ पहुंचाने के लिए इसका होना जरूरी है।