गृह मंत्री अमित शाह ने राजधानी नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में हाल ही में सरकार द्वारा बनाए गए तीन तलाक कानून को लेकर अपने विचार रखे।
इस दौरान अमित शाह विपक्षी दलों पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि सरकार को तुष्टिकरण की राजनीति के कारण तीन तलाक को हटाने पर विरोध झेलना पड़ा।
Union Home Minister Amit Shah: I would like to make it clear that the triple talaq (Bill) is only for the benefit of the Muslim community, not for anything else. Hindus, Christians, & Jains are not going to benefit by it because they never had to suffer due to it. pic.twitter.com/BZHzoZhomM
— ANI (@ANI) August 18, 2019
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, उन्होंने कहा, “तीन तलाक एक कुप्रथा थी, इसको लेकर किसी के मन में कोई संदेह नहीं है। कुछ दलों ने संसद में बिल का विरोध किया लेकिन उनके दिल के अंदर वे जानते थे कि यह एक गलत प्रथा है जिसे समाप्त करने की आवश्यकता है लेकिन उनके पास ऐसा करने का साहस नहीं था।”
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “वोटबैंक की राजनीति ने देश का बहुत नुकसान किया। तीन तलाक एक उदाहरण है। देश की समरसता और देशभक्ति के आडे भी ये तुष्टिकरण की राजनीति आई। शार्टकट के जरिए सत्ता पाना भी इस राजनीति की एकवजह है।”
उन्होंने कहा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि तीन तलाक बिल केवल मुस्लिम समुदाय के हित के लिए है, किसी और चीज के लिए नहीं। हिंदू, ईसाई और जैन इससे लाभान्वित नहीं होने जा रहे हैं क्योंकि उन्हें इसका खामियाजा कभी नहीं भुगतना पड़ा।”
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ लोग तीन तलाक पर धर्म की दुहाई देते है। पर पाकिस्तान समेत 19 देशों में तीन तलाक को ‘तलाक’ दे दिया जिसमें 16 इस्लामिक देश है। शरीयत और इस्लाम में ये जरूरी होता तो इस्लामिक देश इसे क्यों खत्म करते? इसी से पता चलता है कि तीन तलाक गैर-इस्लामिक है। तीन तलाक कानून मुस्लिम समाज के फायदे के लिए है। तीनतलाक शरीयत और कुरान का हिस्सा नहीं है।