महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की बैंकर पत्नी अमृता फडणवीस और शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी राज्य के राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बन गई हैं। यह सब अमृता के ट्वीट के बाद शुरू हुआ है।
You don’t lead people by hitting people over the head, that’s assault – not leadership @OfficeofUT !
दिखाओ चप्पल, फेको पत्थर, ये तो शौक़ हैं पुराना आपका,
हम तो वो शक़्स हैं की धुप में भी निखर आएँगे ! pic.twitter.com/IfMG0rFnrZ— AMRUTA FADNAVIS (@fadnavis_amruta) December 24, 2019
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, आठ दिन पहले अपने पति के ट्वीट का जवाब देते हुए अमृता ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला बोला था। देवेंद्र फड़नवीस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी ‘मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं’ की आलोचना की थी। फड़नवीस ने कहा था कि राहुल गांधी कहीं से भी हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर की बराबरी में नहीं ठहरते हैं।
अपने पति की टिप्पणी से संकेत लेते हुए अमृता ने रविवार को शिवसेना अध्यक्ष पर ताना कसते हुए कहा कि अपने नाम के आगे ठाकरे लगा लेने भर से कोई ठाकरे नहीं हो जाता।
उन्होंने ट्वीट में कहा था, ‘बिल्कुल सही देवेंद्र फड़नवीस जी! कोई भी अपने नाम के आगे ठाकरे सरनेम लगाकर ठाकरे नहीं हो जाता! हर किसी के लिए असली, सिद्धांतवादी बनना जरूरी है और वह लोगों की भलाई के संबंध में विचार करे और माने कि पार्टी के सदस्य उसके अपने परिवार और सत्ता के खेल से ऊपर हैं।’
उनकी इस टिप्पणी का जवाब देते हुए सोमवार को चतुर्वेदी ने कहा कि ठाकरे अपने नाम के अनुसार जी रहे हैं और पेशेवर बैंकर अमृता फड़नवीस यह देख नहीं पा रही हैं।
https://twitter.com/priyankac19/status/1208982314463580160?s=19
उन्होंने लिखा, ‘वह अपने उपनाम के अनुसार ही काम कर रहे हैं, लेकिन आप समाचार पर ध्यान नहीं दे रही हैं। वादा पूरा किया, सैद्धांतिक प्रतिबद्धता और अपने किसानों की कर्ज माफी से कल्याण के लिए काम करना, 10 रुपये में भोजन जैसी घोषणाओं को आपने ध्यान में नहीं लिया।’
इसी महीने के शुरू में चतुर्वेदी और अमृता के बीच एक समाचार को लेकर सोशल मीडिया पर तकरार छिड़ी थी। खबरों में कहा गया था कि बाल ठाकरे स्मारक बनाने के लिए उद्धव ठाकरे सरकार औरंगाबाद में करीब 1000 पेड़ों को गिराने में जुटी है।