AMU के मेडिकल कॉलेज में अब प्लाज्मा थेरेपी से होगा कोरोना मरीजों का इलाज

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज में अब कोविड-19 मरीजों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से होगा। एएमयू के कुलपति प्रोफ़ेसर तारिक मंसूर ने प्लाज्मा थेरेपी के लिए उपयोग में आने वाली मशीन खरीदने की संस्तुति दे दी है। 29 लाख रुपये की लागत से ब्लड बैंक के लिए नई प्लाज्मा मशीन खरीदी जाएगी। इस संबंध में कुछ दिन पहले अमर उजाला ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।

कुलपति प्रो. मंसूर ने बताया कि कोविड-19 संक्रमित रोगियों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहायक सिद्ध हुई है। लेकिन प्लाज्मा दान करने वाले व्यक्ति के लिए आवश्यक है कि वह शारीरिक रूप से पूर्ण स्वस्थ तथा कम से कम 17 वर्ष की आयु का हो। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा दान करने वाले व्यक्ति की लंबाई तथा वजन के अनुरूप उसके शरीर में उपलब्ध रक्त की मात्रा के हिसाब से प्लाज्मा लिया जाता है।
कुलपति ने बताया कि जेएन मेडिकल कालेज को कोविड-19 लेवल-2 अस्पताल की मान्यता है। इस अस्पताल में अब तक 40 हजार से अधिक कोरोना नमूनों की जांच की जा चुकी है, जिसके लिए दो आरटी-पीसीआर मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष प्रो. शादाब अहमद खान ने कहा कि इस थेरेपी के सफल संचालन के लिए आवश्यक है कि प्लाज्मा में संक्रमण के प्रतिरोधक तत्वों की मात्रा प्रचुर हो। अन्यथा संक्रमित रोगी को इस थेरेपी से कोई लाभ नहीं होगा।