हाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में छात्रों पर हुई लाठीचार्ज की घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की संस्तुतियों का पालन करने तथा अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है।
इंटेक्स पर छपी खबर के अनुसार, यह आदेश चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस समित गोपाल की खंडपीठ ने मुहम्मद अमन खां की जनहित याचिका पर दिया है।
सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा की गई जांच और उसकी संस्तुतियों की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई। आयोग ने संस्तुति की है कि डीजीपी पुलिस और पीएसी के उन जवानों की पहचान करें जो लाठीचार्ज में शामिल थे, फिर उनके खिलाफ नियमों के तहत उपयुक्त कार्रवाई की जाए। आयोग ने घटना में घायल हुए छह छात्रों को मानवीय आधार पर मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है।
आयोग ने डीजीपी को निर्देश दिया है कि इस प्रकार की परिस्थितियों से निपटने के लिए पुलिस बल, पीएसी और सीआरपीएफ, आरएएफ जैसी फोर्स को जागरूक किया जाए।
उन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाए तथा इन सुरक्षाबलों को और अधिक प्रोफेशनल बनाया जाए, जिससे वह ऐसी घटनाओं के समय आम लोगों के मानवाधिकार का सम्मान कर सकें।
आयोग ने डीजीपी द्वारा छह जनवरी 2020 को गठित एसआइटी को ऐसे सभी मामलों की एक निश्चित समय सीमा में जांच करने का निर्देश दिया है।
आयोग ने उन्नत अभिसूचना सिस्टम विकसित करने के लिए कहा है ताकि अफवाहें फैलने से रोका जा सके। विशेषकर सोशल मीडिया पर इस प्रकार की अफवाहें फैलती हैं, उनसे निपटने के लिए सुरक्षाबलों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है।
आयोग ने एएमयू के कुलपति से भी कहा है कि छात्रों से संवाद का बेहतर तरीका विकसित करें, ताकि वह बाहरी तत्वों से प्रभावित न हो। अनुशासनहीनता बरतने वाले छात्रों पर कार्रवाई की जाए।
कोर्ट ने मुख्य सचिव, डीजीपी, डीजीपी सीआरपीएफ तथा कुलपति को आदेश का पालन करने और अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है।
मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी।
एएमयू के छात्र सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान छात्रों व पुलिस के बीच ¨हसक झड़प हो गई थी। इस पर पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया था, जिसमें कुछ छात्र चुटहिल हो गए थे।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उसी की जांच करके अपनी रिपोर्ट दी है। घटना में घायल हुए छह छात्रों को मानवीय आधार पर मुआवजा दिया जाए