मुस्लिम संगठनों के कई पदाधिकारी, मौलवी और बुद्धिजीवियों ने अयोध्या राम मंदिर मामले को लेकर शनिवार को बैठक की है.
न्यूज़ ट्रैक हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, संगठनों ने कहा कि सभी को अयोध्या पर सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करना चाहिए।
शांति बनाए रखने की अपील
ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत के अध्यक्ष नवेद हामिद द्वारा बुलाई गई मीटिंग में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद हर कीमत पर शांति और सद्भाव कायम रखने का संकल्प लिया गया।
फैसले को खुले मन से स्वीकार किया जाए
इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से भी कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आए उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। फैसले के बाद देशभर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे, यह सबका दायित्व है।
ये लोग रहे शामिल
अयोध्या को लेकर मुस्लिम संगठनों की मीटिंग में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी, जमात-ए-इस्लाम के अध्यक्ष सआदतुल्ला हुसैनी और सांसद डॉ जावेद तथा इमरान हसन ने भी हिस्सा लिया।
बैठक में पारित एक प्रस्ताव में संकल्प लिया गया कि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले पर शीर्ष अदालत के फैसले को देश की समग्र उन्नति और विकास के संदर्भ में सकारात्मक तौर से लिया जाना चाहिए।
हम सभी देशवासियों से धैर्य और धीरज के साथ हालात का सामना करने की अपील करते हैं और किसी भी किस्म के उकसावे से बचना होगा।