अमेरिकी सिनेट ने 45 के मुकाबले 53 मतों से यह प्रस्ताव पारित किया।
अमेरिकी सिनेट ने गुरूवार को एक विधेयक पारित किया जिसके अनुसार वाशिंग्टन सऊदी अरब, संयुक्त अरब इमारात और जार्डन को जो हथियार बेचता था उसे रोक रहा है।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, समाचार एजेन्सी इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सिनेट ने 45 के मुकाबले 53 मतों से यह प्रस्ताव पारित किया।
ज्ञात रहे कि सिनेट में अधिकांश संख्या अमेरिकी रिपब्लिकन्स की है। ट्रंप सरकार ने इससे पहले ईरान पर अधिक से अधिक दबाव डालने के बहाने सऊदी अरब, संयुक्त अरब इमारात और जार्डन के हाथों आठ अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री की जानकारी कांग्रेस समिति को दी थी।
उल्लेखनीय है कि आपात स्थिति की घोषणा की हालत में अमेरिकी राष्ट्रपति हथियारों को नियंत्रित करने वाले कानून में वर्णित अनुच्छेदों की अनदेखी कर सकता है और साथ ही वह कांग्रेस की अनुमति के बिना हथियार बेच सकता है परंतु अमेरिकी सिनेटर अब इस विधेयक को पारित करके 30 दिन के भीतर हथियारों की बिक्री को रोकने के संबंध में कार्यवाही कर सकते हैं।
ट्रंप ने अब तक सऊदी अरब और संयुक्त अरब इमारात को हथियार बेचने का बारमबार समर्थन किया है जबकि मंगल 17 अप्रैल को अमेरिकी कांग्रेस ने एक विधेयक पारित किया था जिसमें यमन के खिलाफ सऊदी गठबंधन को हथियार न बेचने की मांग की गयी थी और ट्रंप ने उस विधेयक को वीटो कर दिया था।
ज्ञात रहे कि मार्च 2015 से सऊदी अरब ने यमन के खिलाफ अपना पाश्विक हमला आरंभ कर रखा है जिसमें अब तक 16 हज़ार से अधिक यमनी मारे जा चुके हैं और मारे जाने वालों में ध्यान योग्य संख्या बच्चों और महिलाओं की है। इसी प्रकार सऊदी अरब और उसकी अगुवाई में बने गठबंधन के हमले में यमन की अधिकांश मूलभुत संरचनाएं तबाह हो चुकी हैं।
इसी प्रकार सऊदी अरब ने यमन का कड़ा हवाई, ज़मीनी और समुद्री परिवेष्टन कर रखा है जिसकी वजह से मानवीय सहायताएं भी यमनी जनता तक नहीं पहुंच पा रही हैं और यमनी जनता को निर्धनता, बेकारी, खाद्य पदार्थों और दवाओं में भारी कमी और महामारी सहित विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना है।