नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी नाटक का मंचन करने के मामले में कर्नाटक के बीदर में पुलिसकर्मियों ने सोमवार को चौथी बार शाहीन स्कूल में छात्रों से पूछताछ की.
बता दें कि, बीदर के शाहीन स्कूल के खिलाफ बच्चों द्वारा सीएए विरोधी नाटक का मंचन करने के मामले में पिछले महीने “राजद्रोह का मामला” राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. इसके साथ ही उस स्कूल को संचालित करने वाले शाहीन शिक्षा संस्थान के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था.
मामले में स्कूल के दो लोगों, प्राथमिक अनुभाग की प्रभारी फरीदा और कक्षा छह के छात्र की मां नगमा को गिरफ्तार किया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, करीब दो घंटे चली पूछताछ में शामिल सभी सात छात्र नाटक में शामिल थे. पहले की तरह ही छात्रों से नाटक किसने लिखा, किसने तैयारी कराई और उन्हें लाइनें किसने रटाईं जैसे सवाल पूछे गए.
शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) तौसीफ मडीकेरी ने कहा, ‘मैं यह नहीं समझ सकता कि पुलिस बार-बार 9 से 12 आयु वर्ग के बच्चों को मानसिक यातना क्यों दे रही है. इस तरह का उत्पीड़न लंबे समय में उन्हें प्रभावित करेगा. अगर हम पुलिस को बताएंगे तो वह समझ नहीं पाएगी.’
स्कूल के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘छात्र डरे हुए हैं. बच्चों से पूछताछ के दौरान किसी वयस्क को कमरे में नहीं घुसने दिया गया.’
समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्र शाहीन स्कूलों में पढ़ते हैं, और उन्हें अक्सर शुल्क छूट और छात्रवृत्ति दी जाती है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुलिस ने कक्षा 6 की छात्रा की मां नजुमुनिस्सा को गिरफ्तार किया है क्योंकि एक अन्य छात्र ने कहा था कि उन्होंने नाटक लिखा है. वे अकेली मां हैं और उनकी गिरफ्तारी के बाद बेटी की देखभाल उनकी मकान मालकिन कर रही हैं.