आन्ध्र प्रदेश: स्कूल खुलने के बाद 262 छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए!

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पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस की चपेट में है। इस महामारी को रोकने और उसकी चेन को तोड़ने के लिए देश में लॉकडाउन लागू किया गया था।

 

पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, वर्तमान में अनलॉक की प्रकिया जारी है। लेकिन, यह वायरस अपना पैर पसारता ही जा रहा है। इतना ही नहीं गृह मंत्रालय ने 15 अक्टूबर से स्कूलों को खोलने की भी इजाजत दे दी थी।

 

ज्यादातर राज्यों में 9वीं से लेकर 12वीं तक के स्कूल खोल दिए गए हैं। लेकिन, आंध्र प्रदेश के स्कूलों में कोरोना ने दस्तक दे दी है। दो नवंबर को राज्य में दोबारा स्कूलों को खोला गया था।

 

महज तीन दिन में 200 से ज्यादा छात्र और 160 शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि, इससे पहले भी चार स्कूलों के 27 छात्र कोविड-19 संक्रमित पाए गए थे।

 

जानकारी के मुताबिक, दो नवंबर से 9वीं और 10वीं के छात्रों के लिए स्कूलों को दोबारा खोला गया था। लेकिन, तीन दिन के बाद ही 262 छात्र और 160 शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इस खबर से पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है।

 

इतना ही नहीं इस मामले पर शिक्षा आयुक्त वी चिन्ना वीरभद्रुडु ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। क्योंकि, स्कूल आने वाले छात्रों की संख्या की तुलना में कोरोना पॉजिटिव पाए गए छात्रों की संख्या कम है। उन्होंने कहा कि तकरीबन चार लाख छात्र स्कूल पहुंचे हैं, जिसमें केवल 262 छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जो कि 0.1 प्रतिशत भी नहीं है।

 

शिक्षा आयुक्त ने कहा कि यह कहना उचित नहीं होगा कि स्कूल जाने के कारण छात्र कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर जो गाइडलाइंस जारी किए गए, उसे पालन करवाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

 

गौरतलब है कि इससे पहले आंध्र प्रदेश में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। कुरुनूल जिले स्थित चार प्राइवेट स्कूल के 27 छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इस घटना के बाद स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया था।

 

बताया गया था कि रीशैलम माता स्कूल, बालसुब्रमण्यम, विजडम, डीएवी स्कूल के छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। पॉजिटिव पाए गए सभी छात्र 9वीं और 10वीं कक्षा के थे।

 

इस खबर के बाद छात्रों के संपर्क में आए अन्य छात्र, परजिनों का भी कोरोना टेस्ट कराया गया था। इतना ही नहीं इस घटना के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने कई स्कूलों का दौरा किया था और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे।

 

सवाल ये है कि अगर बार-बार इस तरह के मामले सामने आते रहे तो छात्रों के पेरेंट्स, शिक्षा विभाग, सरकार और प्रशासन के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है।