पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पश्चिम बंगाल में करीब 27 फीसदी मुसलमानों की आबादी है। यही कारण है कि यहां मुस्लिम मतदाता हर चुनाव में अहम रोल अदा करते आएं हैं।
मगर मिल रही जानकारी के मुताबिक नॉर्थ बंगाल में मुस्लिम समुदाय के लोग लगातार हासिये पर जाने को मजबूर हो रहे हैं। खासकर पहाड़ी मुस्लिमों में बेरोजगारी और आर्थिक विकास इस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा है।
वहां रहने वाले समाजिक कार्यकर्ता और टीएमसी से जुड़े अब्दुल्ला आज़मी बताते हैं कि सरकार तो काम करना चाहती है मगर मुस्लिम रहनुमा के पास कोई खास प्लान नहीं है। वे जमीनी हकीक़त पर ध्यान नहीं देते। उनका कहना है कि हमारी बातें आला कमान तक नहीं पहुंच पाती है।
मालूम हो कि पिछले चुनाव में 59 विधायक विधानसभा पहुंचे थे। कहा जाता है कि पश्चिम बंगाल में करीब 102 से ज्यादा ऐसी सीटें हैं जहां मुस्लिम मतदाता अहम रोल निभाते हैं। बताते चलें कि ममता बनर्जी की सरकार में सात मुस्लिम मंत्री हैं।