बाबरी मस्जिद पर पुर्नविचार याचिका खारिज होने के बाद अरशद मदनी ने दिया बड़ा बयान!

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पुनर्विचार याचिकाएं खारिज होने के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘ हमने पहले ही कहा था कि उच्चतम न्यायालय का जो भी फैसला होगा, उसका एहतराम (सम्मान) किया जाएगा लेकिन हम मायूस हैं, क्योंकि अदालत ने माना है कि बाबरी मस्जिद, मंदिर की जगह नहीं बनाई गई थी फिर भी फैसला रामलला के हक में दिया गया।’

इंडिया टीवी पर छपी खबर के अनुसार, अयोध्या मामले की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर की गई सभी 18 याचिकाओं को रद्द कर दिया है।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली 5 जजों की खंडपीठ ने फैसला किया है कि सभी 18 पुनर्विचार याचिकाओं को रद्द कर दिया जाए। यानि अयोध्या मामले सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को जो फैसला सुनाया था उसकी दोबारा सुनवाई नहीं होगी।

उच्चतम न्यायालय द्वारा अयोध्या विवाद में पुनर्विचार याचिकाएं खारिज किए जाने के बाद मुकदमे में पक्षकार जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बृहस्पतिवार को ‘मायूसी’ जताते हुए कहा कि संगठन ने पहले ही कहा था कि शीर्ष अदालत का ‘जो भी फैसला होगा उसका सम्मान किया जाएगा।’

न्यायालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में अपने नौ नवंबर के फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर सभी याचिकायें बृहस्पतिवार को खारिज कर दीं।

न्यायालय ने अपने फैसले में 2.77 एकड़ विवादित भूमि ‘राम लला’ को सौंपते हुये वहां राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। इस मामले पर जमीयत उलेमा-हिंद की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख मौलाना सैयद अशहद रशिदी ने भी पुनर्विचार याचिका दायर की थी।