कश्मीर को लेकर किया गया फैसला लोकतंत्र की आत्मा पर करारा प्रहार है- शशि थरूर

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भारत प्रशासित कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद देश में विपक्ष नरेंद्र मोदी के फैसले की आलोचना कर रहा है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भारत में मानवाधिकार और कश्मीर मुद्दे को लेकर डीडब्ल्यू से खास बात की।

भारत सरकार ने 5 अगस्त 2019 को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 में संशोधन कर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया। प्रदेश को विभाजित कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया।

फैसले के वक्त जम्मू-कश्मीर के कई स्थानीय नेताओं को नजरबंद कर दिया गया जो अभी भी जारी है। जम्मू-कश्मीर में संचार के साधनों को बंद कर दिया गया और सभी जगह अर्धसैनिक बल के जवान तैनात कर दिए गए।

जर्मनी के गोएटिंगेन शहर में भारत के छात्रों के सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे भारतीय सांसद शशि थरूर ने कश्मीर को लेकर डीडब्ल्यू की एशिया प्रमुख देबारती गुहा से बात की।

शशि थरूर ने कहा, कश्मीर को लेकर किया गया फैसला लोकतंत्र की आत्मा पर करारा प्रहार है। सर्वोच्च न्यायालय को अभी लग सकता है कि यह कानून का उल्लंघन नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से लोकतंत्र की भावना का उल्लंघन है।

शशि थरूर ने कश्मीरियों के लिए नई दिल्ली द्वारा उठाए गए कदम की आलोचना की। साथ ही कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सदस्यों से बात किए बिना केंद्र सरकार ने एकतरफा फैसला लिया।

थरूर ने कहा, “यह साफ है कि भारत सरकार ने जो फैसला लिया है वह भारतीय लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है। केवल इस वजह से नहीं कि सिर्फ कश्मीर पर लिया गया फैसला गलत है बल्कि इस वजह से भी कि वे कल किसी और राज्य के लिए भी ऐसा ही कोई फैसला अचानक ले सकते हैं।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि नई दिल्ली के फैसले ने ताकत के बल फैसले लेने की भावनाओं को बढ़ाया है और नतीजतन देश के युवाओं ने “राष्ट्रीय गौरव और अंधराष्ट्रवाद” का प्रदर्शन किया।

साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी