पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कश्मीर के विशेषाधिकार को खत्म करने के आदेश को खारिज किया है। विदेश मंत्री का कहना है कि यह कदम संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के खिलाफ है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक सऊदी अरब से एक पाकिस्तानी टीवी चैनल को कहा कि पाकिस्तान भारत के इस कदम को रोकने के लिए कूटनीतिक कोशिश करेगा।
डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, कुरैशी फिलहाल मक्का में तीर्थयात्रा के लिए गए हुए हैं। उनका कहना है कि भारत जम्मू कश्मीर के दर्जे को राष्ट्रपति के आदेश से ना खत्म कर सके इसके लिए कूटनीति के रास्ते पाकिस्तान कदम बढ़ाएगा।
कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तान का नियंत्रण है जबकि दूसरे हिस्से पर भारत का। दोनों देश कश्मीर के पूरे हिस्से पर अपना दावा करते हैं। भारत पाकिस्तान के बीच तीन युद्ध हुए हैं जिनमें से दो कश्मीर को लेकर लड़े गए।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के राष्ट्रपति सरदार मसूद खान ने भी भारतीय राष्ट्रपति के आदेश को खारिज किया है और कहा है कि भारत ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के साथ “युद्ध कर सकता” है।
पाकिस्तान की सरकार ने इस मामले में एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की है। इसमें कहा गया है, भारत सरकार की कोई भी एकतरफा कार्रवाई इसकी विवादित स्थिति को नहीं बदल सकती, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में कहा गया है। ना ही यह जम्मू कश्मीर और पाकस्तान के लोगों को स्वीकार होगा।
भारत में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने भारत के खिलाफ नारे लगाते हुए टायर जलाए और काले झंडों के साथ प्रदर्शन किया।
भारतीय कश्मीर से आए प्रवासी 35 साल के जाहिद इकबाल का कहना है, कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के उद्देश्य पूरे नहीं होंगे। हम लड़ेंगे और हम और ज्यादा ताकत से लड़ेंगे। इसके अलावा पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और पाकिस्तान की व्यापारिक राजधानी कराची में भी प्रदर्शन हुए हैं।
पाकिस्तान में भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने पाकिस्तान के बयान पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान या देश की सेना की तरफ से अभी कोई बयान नहीं आया है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान फिलहाल नहीं चाहता कि तनाव बढ़े।