गुजरात के अल्पसंख्यकों के विकास और सुरक्षा को लेकर आन्दोलन अब दिल्ली कूच करेगा!

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सम्मेलन को संबोधित करते हुए माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी (MCC) के कन्वेनर मुजाहिद नफ़ीस ने बताया कि काफ़ी समय से राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के विकास एवं रक्षण के लिए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय, बजट में ठोस आवंटन, राज्य अल्पसंख्यक आयोग, अल्पसंख्यक बहुल विस्तारों में क्लास 12 तक की स्कूल जैसी मांगें उठा रही है| सरकार लगातार राज्य की 11.5% आबादी के साथ अन्याय कर रही है|

मुजाहिद नफ़ीस ने कहा कि गुजरात में अल्पसंख्यक समाज डर में जी रहा है, अब तो भैंस ले जाते हुए भी तथाकथित गौरक्षक जानलेवा हमले कर लूट कर रहे हैं| ये सरकार बेटी पढाओ,बेटी बचाओ का फर्जी नारा देती है लेकिन गुजरात में मुस्लिम समाज की लड़कियां क्लास 1-5 क्लास में 10.58% ड्राप आउट हो रही हैं फिर भी सरकार इस पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रही है|

गुजरात में अल्पसंख्यक समाज की शिकायतें सुनने के लिए कोई भी आयोग नहीं हैं जबकि देश में अल्पसंख्यक आयोग है तो गुजरात में क्यों नहीं है ये भेदभाव का स्पष्ट उदाहरण है| गुजरात में अल्पसंख्यक समुदाय को वो अधिकार भी प्राप्त नहीं हैं जो दूसरे राज्यों में प्राप्त हैं|

सरकार व विपक्ष को अपनी मांगें बताने व उन मांगों पर विधानसभा में चर्चा करने के लिए 18 जुलाई 2019 को आंबेडकर हाल सेक्टर 12 गांधीनगर में अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमे सभी राजनितिक दलों के विधानसभा में दल नेता को भी आमंत्रित किया गया था, ताकि वे हमारे प्रश्नों पर विधानसभा सत्र के दौरान चर्चा कर 11.5% आबादी को उनके मूलभत अधिकार दिलवाएं| इसमें अपक्ष (इंडिपेंडेंट) दल के नेता जिग्नेश मेवानी आये|

उन्होंने कहा कि जब भी उनको सदन में बोलने का मौक़ा मिलेगा वो इन मुद्दों को ज़रूर विधानसभा में उठाएंगे| उन्होंने कहा कि आगामी सत्र में अल्पसंख्यकों के लिए एट्रोसिटी कानून बनाने के लिए प्राइवेट मेम्बर बिल लायेंगे| वो सदन से सड़क तक इन मुद्दों के लिए MCC के साथ लड़ेंगे|

सम्मेलन में 22 ज़िलों से 600 से अधिक लोग शामिल हुए| सभी ने अभियान की मांगों की हाथ उठाकर मांगों के लिए आगामी आन्दोलन का रणनीति का समर्थन किया| संचालन उस्मान गनी शेरासिया ने किया उन्होंने अब तक लिए गए कार्यों का विवरण दिया|

साबरकांठा की हूरा बेन दाणी ने मुस्लिम महिलाओं की समस्याओं पर बात की| भुज के साथी मोहम्मद लाखा, रोशन अली समधानी, उमर भाई, पाटन के आबिद अली छुआरा, आनंद के सोहिल भाई, नदिअद के शकील सन्धि, गांधीनगर के परेरा साहब, आशिक़ भाई, अहमदाबाद की जमीला खान, इकराम मिर्ज़ा, अलीम अंसारी, भावनगर के तौफिक शेख, कलीम उस्ताद, नफीसा अंसारी, शमशाद पठान, अमरेली के महबूब रहमान क़ादरी व अन्य ने संबोधित किया|

1- राज्य में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की स्थापना की जाये|

2- राज्य के बजट में अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए ठोस आबंटन किया जाये|

3- राज्य में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया जाये व इसको संवेधानिक मजबूती का विधेयक विधानसभा में पास किया जाये|

4- राज्य के अल्पसंख्यक बहुल विस्तारों में कक्षा 12 तक के सरकारी स्कूल खोले जाएँ|

5- मदरसा डिग्री को गुजरात बोर्ड के समकक्ष मान्यता दी जाये|

6- अल्पसंख्यक समुदाय के उत्थान के लिए विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाये|

7- सांप्रदायिक हिंसा से विस्थापित हुए लोगों के पुनर्स्थापन के लिए सरकार नीति बनाये|

8- प्रधानमंत्री के नया 15 सूत्रीय कार्यक्रम का सम्पूर्ण रूप से अमलीकरण किया जाये|

9- The Minorities (Prevention Of Atrocities) Act बनाया जाये|

10- मोबलिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर क़ानून बनाया जाये|

सम्मेलन ने सर्वसम्मति से तय किया कि गुजरात की सोई हुई सरकार को जगाने के लिए अब ये आन्दोलन दिल्ली तक जायेगा ताकि गुजरात की 11.5% आबादी को न्याय मिल सके|

लेखक: अब्दुल हफीज़ लखानी, अहमदाबाद