आसिफ़ रमीज़ दाउदी: खाड़ी देशों में रमज़ान, तरावीह और हिन्दुस्तानियों के ईद पर चर्चा!

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रमज़ान पुरी दुनिया के मुसलमानों के लिए एक पाक और मुबारक महिना है। इस पाक महिने में मुस्लिमों के 24 घंटे की जिंदगी को बदल कर रख देती है।

लेकिन इसके कई पहलू हैं, घर पर अपनों के बीच रहकर गुजारना और किसी दुसरे मुल्कों में रहकर इस पाक महिने में रोज़ा रहना और इबादत करना थोड़ा फर्क जरुर है।

सऊदी अरब में रह रहे प्रोफेसर आसिफ़ रमीज़ दाउदी के साथ चर्चा में हमने इस पर बात की। प्रोफेसर साहेब ने बताया कि फर्क जरुर है।

प्रोफेसर आसिफ़ रमीज़ दाउदी ने पहले रमज़ान के दिन ही उमराह कर अपने रमज़ान को आला रमज़ान बना दिया।

चर्चा के दौरान प्रोफेसर आसिफ़ रमीज़ दाउदी ने मौजूदा यानी कोविड के दौर में उमराह करने के नियमों को बताया। उन्होंने एक ऐप पर तफ़सील से बात की और बताया कि आप कैसे इस ऐप के जरिए उमराह के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

प्रोफ़ेसर आसिफ़ रमीज़ दाउदी को खाड़ी देशों में रहने का काफ़ी तजुर्बा हासिल है और अपने इस तजुर्बे को सभी हिन्दुस्तानियों को शेयर कर उनकी जिन्दगी को आसान बनाने की एक कोशिश की है।

प्रोफेसर आसिफ़ रमीज़ दाउदी ने खाड़ी देशों में रह रहे सभी हिन्दुस्तानियों की की बात कही और उनके साथ आने वाले मसले को हल करने और आसान बनाने पर भी अपनी राय पेश की।