असम NRC में नहीं है सेक्स वर्कर्स का नाम, घर वालों ने भी छोड़ा साथ!

   

राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) में असम के सिलचर की 200 सेक्स वर्करों का नाम नहीं है। ज्यादातर सेक्स कर्मी इसलिए एनआरसी के लिए आवेदन नहीं कर पाई क्योंकि इनके परिवार वालों ने इन्हें अपने कागजात इस्तेमाल करने नहीं दिए।

प्रेमतला में सिलचर का रेड लाइट इलाका है। इसे चौदह नबंर गली के रुप में भी जाना जाता है। चौदह नबंर गली पूर्वोत्तर का सबसे बड़ा वेश्यालय है। यहां एक हजार से अधिक सेक्स वर्कर रहती हैं। इनमें से ज्यादातर मानव तस्करी का शिकार होकर यहां तक पहुंची है।

एक सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि कोलकाता के सोनागाछी की तरह सिलचर के रेडलाइट इलाके की सेक्स वर्करों के पास न तो मतदाता परिचय पत्र है और न ही आधार कार्ड।

डेली न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, गैर सरकारी संगठन और महिला वकील सेक्स वर्करों को भारतीय नागरिक साबित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जिला कानून सेवा प्राधिकरण के सदस्य तुहिना शर्मा ने कहा कि सेक्स वर्कर भी समाज का हिस्सा है।

उन्हें भी भारतीय नागरिक होने का पूरा अधिकार है। यह खेद का विषय है कि हम उन्हें शान के साथ स्वीकार नहीं करते। हम रेडलाइट इलाके में एड्स कंट्रोल कार्यक्रम और निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाने के लिए अक्सर जाते हैं।

शर्मा ने कहा कि वर्ष 2017 में हमने सेक्स वर्करों को मतदाता सूची में शामिल कराने का प्रयास किया था। लेकिन इनके पास निजी कोई कागजात नहीं है।