असम NRC फाइनल लिस्ट जारी, सुरक्षा के कड़े इंतजाम!

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एनआरसी की सूची आज जारी कर दी गई है। राज्य प्रशासन ने गुवाहाटी सहित संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि कार्यालयों में सामान्य कामकाज, आमजनों और यातायात की सामान्य आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया है।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि जिन लोगों का नाम लिस्ट में शामिल नहीं होगा, वे फॉर्नर ट्रिब्यूनल में 120 दिनों के भीतर अप्लाई कर सकते हैं। सुरक्षा -व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 51 कंपनियां तैनात कर दी गई है।

nrcassam.nic.in पर क्लिक करने के बाद अपना ऐप्लिकेशन रिफरेंस नंबर और कैप्चा कोड डालकर आप एनआरसी सूची को चेक कर सकते हैं।

असम सरकार राज्य के 400 विदेशियों के न्यायाधिकरणों की स्थापना करेगी, ताकि उन लोगों के मामलों से निपटा जा सके, जिन्हें अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से बाहर रखा गया है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह राजनीतिक) कुमार संजय कृष्ण ने कहा कि 200 ऐसे न्यायाधिकरण स्थापित करने के लिए प्रक्रिया पहले से ही है और 200 से अधिक लोगों को बाहर रखा जाएगा। विदेशियों के न्यायाधिकरणों को एनआरसी से बाहर रखे गए लोगों की अपील सुनने के लिए अर्ध न्यायिक अदालतें हैं।

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि प्रकाशित होने जा रही अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से जो लोग छूट गए हैं उनकी चिंताओं पर राज्य सरकार ध्यान देगी और सुनिश्चित करेगी कि किसी का ‘अनावश्यक उत्पीड़न’ नहीं हो।

आपको बताते जाए कि साल 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुआई में केंद्र सरकार, असम सरकार और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के बीच त्रिपक्षीय बैठक हुई, जिसमें तय किया गया कि असम समझौते में किए गए वादों को पूरा करने के लिए NRC को अपडेट करने की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए। इसके लिए तौर-तरीकों को केंद्र ने असम सरकार की सलाह से स्वीकार किया।

एनआरसी अधिकारियों ने 30 जुलाई 2018 को प्रकाशित मसौदा एनआरसी में जगह नहीं बना पाए ऐसे 36 लाख लोगों का बायोमीट्रिक डेटा लिया है। इन्होंने भारतीय नागरिकता का दावा किया था।

इस बायोमीट्रिक डेटा की वजह से आधार कार्ड बनाना संभव हो सकेगा। राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) में अंतिम रूप से अपना नाम नहीं जुड़वा पाने वाले लोग अगर कानूनी प्रक्रिया के पालन के बाद भी अपनी भारतीय नागरिकता सिद्ध नहीं कर पाते हैं तो वे देश में कहीं से भी अपना आधार कार्ड नहीं बना सकेंगे क्योंकि उनके बायोमीट्रिक्स के आगे निशान बना होगा।

एनआरसी की फाइनल लिस्ट आने से पहले लोगों में टेंशन बढ़ गई है। लिस्ट जारी होने के बाद 41 लाख लोगों को बाहर किया जा सकता है। कई लोगों को इसके बाद नींद तक नहीं आ रही है और खाना-पीना भी छुट गया है।

बोडोलैंड स्वायत्तशासी क्षेत्र जिले (बीटीएडी) के कई बोडो और चाय आदिवासी चिंतित नहीं हैं। उनका कहना है कि वे असम के स्थानीय निवासी हैं और कोई भी उन्हें उनकी जमीन से नहीं हटा सकता।