अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले से पहले विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर के लिए अयोध्या में 1990 से जारी पत्थर तराशी का काम पहली बार रोक दिया है।
In a first in 30 years, the Ram Janmabhoomi Nyas, one of the outfits along with VHP spearheading the preparations of the proposed #RamMandir, has stopped the chiselling of stones at the Nyas Karyashala (workshop) ahead of SC verdict.#AYODHYAVERDICT https://t.co/fySA715LPQ
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) November 7, 2019
नयी दुनिया पर छपी खबर के अनुसार, विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि इस काम में लगे सभी कारीगर अपने घरों को लौट गए हैं। शर्मा ने बताया कि पत्थर तराशी रोकने का फैसला विहिप के शीर्ष नेतृत्व ने लिया है।
Report: Ahead of Supreme Court verdict in Ayodhya case, VHP stops stone carving work. | #TimesNowForPeacehttps://t.co/8FfPohEWcS
— TIMES NOW (@TimesNow) November 7, 2019
कब शुरु होगा इसका फैसला अभी नहीं
उन्होंने कहा- ‘हमने पत्थर तराशी का काम रोक दिया है तथा यह काम फिर कब से शुरू होगा, इसका फैसला राम जन्मभूमि न्यास करेगा। सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले के मद्देनजर संगठन की विविध गतिविधियों से जुड़े सभी प्रस्तावित कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए हैं।”
First time in three decades: VHP stops stone-carving for Ram temple in #Ayodhya https://t.co/9VsFmuqYGi via @TOILucknow pic.twitter.com/hMa5dnHx7H
— The Times Of India (@timesofindia) November 7, 2019
छह महीनों के लिए पाबंदी लगाई
सरयू कुंज सीता-राम मंदिर के महंत युगल किशोर शास्त्री के मुताबिक, 1992 में विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद आरएसएस तथा विहिप जैसे सभी संगठनों पर छह महीने के लिए लगी पाबंदी के बावजूद मंदिर निर्माण कार्यशाला में पत्थर तराशी का काम जारी रहा था।
विहिप के मुताबिक, अब तक 1.25 लाख घन फीट पत्थरों की तराशी हो चुकी है। संगठन का दावा है कि तराशे गए ये पत्थर प्रस्तावित राम मंदिर के प्रथम तल के निर्माण के लिए पर्याप्त हैं तथा बाकी के 1.75 लाख घन फीट पत्थरों की तराशी अभी होनी है।
हिन्दू मुस्लिम नहीं हो
वहीं, विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने अपने कार्यकर्ताओं को लिखे एक पत्र में कहा- ‘यह (अदालती फैसला) हिंदू और मुसलमान का मसला नहीं होना चाहिए। यह सच्चाई स्वीकारने का है। इसलिए समाज में न तो उत्सवी उन्माद फैलाया जाए और न ही किसी पर तंज कसा जाए।”
सौहार्द और भाईचारे का मिसाल पेश हो
विहिप प्रवक्ता शर्मा ने भी कहा- ‘फैसला चाहे हिंदू या मुसलमान के पक्ष में आए, यह समय दोनों ही समुदायों के लिए सौहार्द और भाईचारे की मिसाल पेश करने का है।
हम सभी इस बात का खयाल रखें कि ऐसी कोई भी घटना नहीं हो, जिससे कि हिंदुओं और मुसलमानों के सौहार्दपूर्ण संबंधों में जहर घुले।”