बकरीद के मौके पर आज़म खान का मैसेज वायरल!

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मैं ठीक हूं। तुम सब पर और हालात पर मेरी नजर है। मजहब,धर्म और जात इस इदारे (यूनिवर्सिटी) की पहचान नहीं है इसका मकसद सबको प्यार और सबसे प्यार करना है।

इस गांठ को मजबूती से गिरह बंद कर लेना जिंदगी के बाकी सफर में भी यह काम आएगी। नफरतों के सौदागर इसी के रास्ते मुल्क की तबाही का इंतजाम कर रहे हैं सबको इससे होशियार रहना होगा।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, ईद-उल-अजहा की पूर्व संध्या पर सांसद आजम खां का संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। आजम खां के पुत्र विधायक अब्दुल्ला आजम ने इस बात की पुष्टि की है यह संदेश रामपुर के सांसद का ही है।

अपने संदेश में आजम खां ने कहा है कि मेरी बात सुनो, अजीजों आपके दिलो दिमाग में बहुत सारे सवालात होंगे लेकिन मेरा जवाब बस इतना है कि जो लोग समझते हैं सब कुछ मिट जाएगा।

वो सही हो सकते हैं लेकिन एक इतिहास लिख गया एक तारीख कायम हो गई है कि हड्डी-गोशत से बना हुआ एक इंसान गली का बाशिंदा हुकूमतों की मुखालफतों के बावजूद एक अजीम उल शान इदारा यूनिवर्सिटी और नौनिहालों के लिए ए सीरिज ऑफ हाई क्लासेज स्कूल्स कायम करने में कामयाब हो सका।

संदेश में उन्होंने कहा है कि हम जल्द सब एक साथ होंगे जब तक जिएंगे जिंदगी की चुनौतियों से जूझते रहेंगे मगर हार नहीं मानेंगे, क्योंकि अपनी मंजिल के बारे में हमें मालूम है और उसे हासिल करना है। आज दरिया में तुगयानी है कल नहीं होगी।

लोग आते और जाते रहेंगे मगर समंदर के किनारे कोई ना कोई यकीनन खड़ा मिलेगा जो भटके हुए जहाज को इशारा देगा कि उसे डूबना नहीं है, भटकना नहीं है बस कुछ वक्त के लिए इस अंधेरी, खतरनाक और तुफानी रात में एक नन्ही सी लौ के सहारे उसे किनारे लग जाना है।

फिर सुबह होगी, तूफ़ान गुजर चुका होगा, लहरे दम तोड़ चुकी होंगी और जहाज सूरज की किरणों के साथ अपनी मंजिल की तरफ गामजन हो जाएगा।

जरा अपनी नजरों से देखो तो मैंने जब इस यूनिवर्सिटी का संग ए बुनियाद रखवाया था तो तुम्हे क्या संदेश दिया था, आसमान छूती हुई मजबूत शमां तुम्हारे इरादों की हमेशा नुमाइंदगी करती रहेगी जाओ वहां जा कर उसे सैल्यूट करो। इसके अलावा भी आजम खां ने अपने संदेश में बहुत सी बातें की हैं।