तबरेज़ अंसारी मॉब लिंचिंग में पुलिस भी उतनी ही जिम्मेदार है!

   

झारखंड में हुई मॉब लिंचिंग पर आजम खान ने कहा कि लड़के को मारा और मारने वाले ही उसे थाने ले गए। थाने ले जाने वालों से यह नहीं पूछा कि वह कौन हैं।

पुलिस ने उन लोगों से कुछ नहीं पूंछा और न ही उस लड़के को मेडिकल ट्रीटमेंट दी। तबरेज को जानबूझकर मारा गया है। उसे अस्पताल ले जाने के बजाय पुलिस कस्टडी में रखा गया। वह मर गया, क्योंकि उसे मारना ही उनका मकसद था।

ज़ी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, आज़म खान बोले- मैं तो बराबर कह रहा हूं की 302 मुल्जिम बरी हो जाता है और 307 वाला सजा पाता है, क्योंकि घायल व्यक्ति गवाही तो दे सकता है, लेकिन मरा व्यक्ति कैसे गवाही देगा। इसलिए तबरेज की हत्या कर दी गई। इसमें पुलिस की भी जिम्मेदारी उतनी ही है, जितनी उसे पीटने वालों की।

एंटी लिंचिंग बिल पर बात करते हुए आजम खान ने कहा कि ”अगर इस पर कोई कानून बनेगा तो पूरे देश को शर्मिंदा होना पड़ेगा। पूरी दुनिया का जवाब देना पड़ेगा, बहुत सारी ऑर्गेनाइजेशन ने पूछा है यह सब क्या हो रहा है और हम नहीं चाहते कि हमारे वतन की बदनामी हो।

आप मॉब लिंचिंग ना कहकर इसे रूटीन क्राइम कहें. किसी शख्स को पकड़ा और मारना शुरू कर दिया और न तो मर्डर करने वाले को पकड़ा और न ही घायल व्यक्ति का इलाज कराया।