आईटी कंपनी विप्रो की शेयर बायबैक योजना के दौरान अजीम प्रेमजी और प्रमोटर कंपनियों ने 7,300 करोड़ रुपए की वैल्यू के 22.46 करोड़ शेयर बेचे। विप्रो ने 325 रुपए प्रति शेयर के भाव पर कुल 32.3 करोड़ शेयर 10,499.99 करोड़ रुपए में बायबैक किए थे।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, यह स्कीम पिछले महीने पूरी हुई। विप्रो ने रेग्युलेटरी फाइलिंग में बुधवार को यह जानकारी दी। विप्रो ने बताया कि बायबैक में एलआईसी ने 1.34 करोड़ शेयर बेचे थे।
कोई कंपनी जब शेयरधारकों से अपने ही शेयर खरीदती है तो इसे बायबैक कहते हैं। कंपनियां कई वजहों से इसका फैसला लेती हैं। सबसे बड़ी वजह कंपनी की बैलेंसशीट में अतिरिक्त नकदी का होना है। शेयर बायबैक के जरिए कंपनियां अतिरिक्त नकदी का इस्तेमाल करती हैं।
सबसे पहले कंपनी का बोर्ड शेयर बायबैक के प्रस्ताव को मंजूरी देता है। इसके बाद कंपनी बायबैक के लिए कार्यक्रम का ऐलान करती है। इसमें रिकॉर्ड डेट और बायबैक की अवधि का जिक्र होता है।
रिकॉर्ड डेट का मतलब यह है कि उस दिन तक जिन निवेशकों के पास कंपनी के शेयर होंगे, वो बायबैक के तहत अपने शेयर बेच सकते हैं।