बाबरी केस से हटाए जाने के बाद आया वक़ील राजीव धवन का बड़ा बयान!

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दशकों पुराने तथा पूरे देश को आंदोलित करने वाले अयोध्या केस में 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया था। कोर्ट ने अयोध्या में विवादित भूमि का कब्जा सरकारी ट्रस्ट को मंदिर बनाने के लिए दे दिया।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, साथ ही उत्तर प्रदेश के इस पवित्र शहर में एक प्रमुख स्थान पर मस्जिद के लिए भी जमीन आवंटित करने का फैसला सुनाया।

इस केस में वादी भगवान रामचंद्र के बालस्वरूप रामलला को 2.77 एकड़ जमीन का मालिकाना हक दिया गया। सुन्नी वक्फ बोर्ड को नई मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन का एक उपयुक्त प्लॉट दिया जाएगा। मंगलवार को एक बार फिर इस केस से जुड़ी एक खबर सामने आई। दरअसल इस केस में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को केस से हटा दिया गया है।

धवन ने फेसबुक के माध्यम से अपनी बात रखी। धवन ने लिखा कि मुझे ये बताया गया कि मुझे केस से हटा दिया गया है, क्योंकि मेरी तबीयत सही नहीं है। यह बिल्कुल बकवास बात है। जमीयत को ये हक है कि वो मुझे केस से हटा सकते हैं लेकिन जो कारण बताया गया वह गलत है।

बाबरी केस के वकील एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एजाज मकबूल ने मुझे बर्खास्त कर दिया है जो जमीयत का मुकदमा देख रहे हैं। बिना किसी डिमोर के मुझे बर्खास्तगी का पत्र भेजा गया है।

धवन ने सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम पार्टियों का पक्ष रखा था। इस बीच वकील एजाज मकबूल ने कहा कि यह कहना गलत है कि धवन को उनकी बीमारी के कारण केस से हटा दिया गया था।

मुद्दा यह है कि मेरे मुवक्किल (जमीयत उलेमा-ए-हिंद) कल ही रिव्यू पिटिशन दायर करना चाहते थे। इसे धवन को पूरा करना था। मैं उनका नाम याचिका में नहीं दे सका, क्योंकि वे उपलब्ध नहीं थे। यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।

उल्लेखनीय है कि अयोध्या केस की आखिरी सुनवाई के दिन सुप्रीम कोर्ट में धवन ने एक नक्शा फाड़ दिया था, जो अयोध्या से संबंधित था। इसके बाद उनकी हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह से बहस भी हो गई थी, जिस पर तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने नाराजगी जताई थी।