छह दिसम्बर यानि कल वो तारीख है जब अयोध्या में विवादित ढांचा हटाया गया था, उसके बाद बवाल हुआ, दंगे हुए और काफी नुकसान हुआ। हर साल इस तारीख को विवादित ढांचे की बरसी के रुप में मनाया जाता है।
लेकिन पिछले दिनों अयोध्या पर फैसला आने के बाद अब छह दिसम्बर का दिन और ज्यादा परेशानी वाली हो सकता है। दरअसल अयोध्या पर फैसला आने के बाद अब देश भर की पुलिस अलर्ट मोड पर है।
उत्तर प्रदेश और खासतौर पर अयोध्या के आसपास तो इतनी पुलिस को तैनात किया गया है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता है।
छह दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी को लेकर प्रशासन अलर्ट है। अयोध्या और उत्तर प्रदेश के कुछ जगहों पर सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है।
धारा 144 का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद बाबरी विध्वंस की पहली बरसी है।
विश्व हिंदू परिषद इस बार विजय दिवस नहीं मनाएगा। दरअसल इस दिन 27 साल पहले अयोध्या में विवादित ढांचे को हटा दिया गया था। उसके बाद से हर साल छह दिसम्बर को पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर रहता है।
पिछले कुछ समय से परेशानी इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि सोशल मीडिया की दखल बहुत ज्यादा हो गई है।
यही कारण है कि सोशल मीडिया पर भी प्रदेश पुलिस की पूरी नजर बनी हुई है। सोशल मीडिया पर भडक़ाउ बयान और टिप्पणी करने वालों की खैर नहीं है। अयोध्या पर फैसले के दिन भी पुलिस ने प्रदेश भर से करीब एक दर्जन से भी ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। फैसले के बाद इन्होनें सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान और टिप्पणी की थी।
प्रदेश में भी पिछले कुछ समय से साम्प्रदायिक तनावों के मामले कई बार सामने आए हैं। इस बार कारण बेहद बड़ा है इसलिए प्रशासन और पुलिस बेहद अलर्ट है।
पुलिस मुख्यालय से प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पूरी तरह से सतर्क रहे, सोशल मीडिया पर भी ध्यान दें ओर किसी भी तरह की नारेबाजी और बयानों को करने वालों को तुरंत धर लें।
जयपुर समेत कई जिलों में तो अब डीजे बजाने से पहले भी प्रशासन से अनुमति लेने के निर्देश जारी किए गए हैं। कुछ बरसी और शुक्रवार का दिन एक साथ होने के कारण भी पुलिस कुछ टेंशन में है।