मुस्लिम पक्ष की ओर से धवन ने कहा कि श्रद्धा से जमीन नहीं मिलती है, स्कन्द पुराण से अयोध्या की जमीन का हक नहीं मिलता है।
सर्वोच्च न्यायालय में अयोध्या भूमि विवाद मामले पर आज से अंतिम दौर की सुनवाई शुरू हो गई है। मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन अपनी दलीलें रख रहे हैं। वन ने कहा कि जब शुक्रवार को चार दिन की बात तय हुई तो मैं हिंदू पक्ष की दलील का जवाब नहीं दे सका था।
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, मुस्लिम पक्ष की ओर से धवन ने कहा कि श्रद्धा से जमीन नहीं मिलती है, स्कन्द पुराण से अयोध्या की जमीन का हक नहीं मिलता है।
VHP seeks nod for Puja in Ayodhya, but Babri Masjid petitioners object & say ‘will offer Namaz if Puja is held’.
TIMES NOW’s Amir Haque with details. pic.twitter.com/AfzGf4AaqJ
— TIMES NOW (@TimesNow) October 14, 2019
उन्होंने कहा कि अगर बेंच मोल्डिंग ऑफ रिलीफ के तहत किसी एक पक्ष को मालिकाना हक देकर दूसरे को विकल्प देती है तो मुस्लिम पक्षकारों का ही दावा बनता है। तीन पहलू टाइटल के सवाल पर बंटवारा ही गलत था, इस्लामिक कानून और कुरान बहुत पेचीदा है।
The #Muslimside is to complete the arguments on 14 October and thereafter, two days would be granted to the #Hindu parties to sum up their rejoinders by 16 October. #AyodhyaHearing https://t.co/q58exBa3dp
— Firstpost (@firstpost) October 14, 2019
मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि हिंदू पक्ष का विवादित स्थल पर कभी कब्जा नहीं रहा था, उन्हें सिर्फ पूजा का अधिकार मिला था। किसी ने आजतक नहीं माना है कि हिंदू पक्ष का आंतरिक अहाते पर कब्जा था।
District Magistrate Anuj Kumar Jha said that the prohibitory order had been issued in anticipation of the verdict in the land dispute case and upcoming festivals. #BabriMasjid #Ayodhya #AyodhyaHearing https://t.co/F7wqZNJqDz
— Outlook India (@Outlookindia) October 14, 2019
सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के राजीव धवन और हिंदू पक्ष के वकील वैद्यनाथन की ओर से लिखित दलीलें पेश का जवाब देते हुए कहा कि गुम्बद के नीचे रामजन्म होने के श्रद्धालुओं के फूल चढ़ाने का दावा सिद्ध नहीं हुआ है, वहां तो ट्रेसपासिंग कर लोग घुस आए थे। उन्होंने कहा कि कभी भी मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई, वहां लगातार नमाज़ होती रही है।
अब मैं पूरी रफ्तार से अपनी दलीलें रखूंगा। इसको ध्यान में अयोध्या को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रशासन ने 10 दिसम्बर तक धारा 144 लागू कर दी है और जिले को किले में तब्दील कर दिया गया है।