आने वाले कुछ दिनों में डेढ़ सौ साल पुराने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम फैसला आएगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली कॉन्स्टिट्यूशन बेंच ने इस केस में चालीस दिन तक रोज सुनवाई की। आज संविधान पीठ के सभी जज एक साथ सात नंबर चैंबर में बैठेंगे और अबतक की हुई दलीलों पर चर्चा करेंगे।
इस बीच मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट पर भी संविधान पीठ चर्चा करेगा। बता दें कि चालिस दिन की लगातार सुनवाई को बाद इस मामले में मध्यस्थता पैनल ने भी एक रिपोर्ट दाखिल की है।
#ExpressFrontPage | In the Supreme Court, a five-judge Constitution Bench headed by Chief Justice of India Ranjan Gogoi has asked for all arguments in the land dispute case to be concluded by October 17.https://t.co/1yT8DmTXsz
— The Indian Express (@IndianExpress) October 14, 2019
इस रिपोर्ट में क्या है इसकी पूरी जानकारी तो सामने नहीं आई है लेकिन कहा जा रहा है कि फैसले से पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड और हिंदू पक्ष किसी ठोस नतीजे पर पहुंचे हैं।
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, मध्यस्थता पैनल की इस रिपोर्ट पर भी संविधान पीठ के जज आपस में चर्चा करेंगे। जानकारी मिली है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या मामले में मीडिएशन पैनल के सामने एक प्रपोजल सबमिट किया है।
इस प्रपोजल के मुताबिक बोर्ड विवादित ज़मीन पर अपना दावा छोड़ने को तैयार है लेकिन इसके लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड ने तीन शर्तों को सामने रखा है।
तो क्या मान लिया जाए कि सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित जमीन पर दावा छोड़ने को तैयार है? सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जो शर्ते रखी हैं उसमें धार्मिक स्थल अधिनियम 1991 की रिपोर्ट को लागू करने की बात कही गई है।
धार्मिक स्थल अधिनियम 1991 में ये व्यवस्था है कि देशभर में अयोध्या को छोड़कर जो बाकी विवादित धर्म स्थल हैं वहां यथास्थिति बनाई रखी जाएगी, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानी एएसआई के कंट्रोल वाली मस्जिदों में नमाज़ पढ़ने की मंजूरी दी जाए और तीसरी शर्त है कि अयोध्या में सभी मस्जिदों की मरम्मत कराई जाए और उन मस्जिदों में भी नमाज़ पढ़ने दी जाए जहां अभी नमाज नहीं होती है।
चर्चा तो ये भी है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से अदालत में टाइटल सूट वापस लेने की भी अर्जी दी जा सकती है। हालांकि इस पर अबतक कुछ भी साफ नहीं हुआ है। कल की सुनवाई के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जफरयाब जिलानी ने साफ कहा कि इस तरह के किसी प्रस्ताव की उन्हें कोई जानकारी नहीं है।