भगवान राम के जन्म को साबित करने के लिए अब संस्था करना चाहता बहस!

   

अयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले में सामाजिक कार्यकर्ता अजय गौतम ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र लिखा है। अजय गौतम ने मामले में बहस करने के लिए 5 मिनट की अनुमति मांगी है।

अजय गौतम ने कहा कि उनका भरोसा है कि भगवान श्रीराम का जन्म विवादित जगह पर हुआ था। वो कुछ ऐतिहासिक सबूत अदालत के सामने रखना चाहते है, लिहाज मामले की सुनवाई कर रही संविधान पीठ के समक्ष उन्हें बहस करने की अनुमति दी जाए।

इससे पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बहस पूरी करने की समय सीमा 17 अक्टूबर निर्धारित की थी। जैसे-जैसे बहस समाप्त करने की समय-सीमा करीब आती जा रही है, अदालत के भीतर तीखी बहस होने की उम्मीद भी बढ़ गई है।

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, रंजन गोगोई के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने आवश्यकता पड़ने पर शनिवार को भी सुनवाई करने की उम्मीद जाहिर की थी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्षों के वकीलों के बीच तल्ख़ बहस हुई।

रामलला विराजमान की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील सी.एस. वैद्यनाथन द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के समर्थन में अपना पक्ष रखने पर मुस्लिम पक्षों ने दखल दिया, जिस पर धैर्य के साथ मामले की कार्यवाही को आगे बढ़ा रहे मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने मुस्लिम पक्ष के वकील को बार-बार एक ही बात दोहराने पर फटकार लगाई।