बाबरी मस्जिद- राम जन्मभूमि सुनवाई: रामलला की सुनी जायेगी दलील!

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अयोध्या मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ में आज फिर सुनवाई होगी। रामलला विराजमान की दलीलें जारी रहेंगी। पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन से कहा था कि यदि आप बीच में छुट्टी लेना चाहें तो ले सकते हैं।

सर्वोच्च न्यायालय ने धवन से कहा था कि यदि वह आराम करना चाहें तो किसी भी दिन कोर्ट को बता कर छुट्टी कर सकते हैं। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया था कि हफ्ते में 5 दिन ही मामले की सुनवाई होगी। इस अवधि में कोई कटौती नहीं की जाएगी और प्रतिदिन सुनवाई होगी।

गत सुनवाई में रामलला की ओर से पेश वकील परासरन ने कहा था कि हम ये नहीं कह रहे कि पूरी अयोध्या न्यायिक व्यक्ति है और हम जन्मभूमि की बात कह रहे हैं।

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, न्यायमूर्ति बोबड़े ने पूछा था कि क्या इस वक़्त रघुवंश कुल में कोई इस दुनिया में मौजूद है। परासरण ने कहा था कि मुझे नहीं पता। परासरन ने रामायण का जिक्र करते हुए कहा था कि सभी देवता भगवान विष्णु के पास गए और रावण के अंत करने की बात कही तब विष्णु ने कहा था कि इसके लिए उन्हें अवतार लेना होगा। इस बारे में जन्मभूमि का जिक्र किया गया है और इसका महत्व है।

हिन्दू शास्त्र में जन्मस्थान की महत्ता स्पष्ट रूप से बताई गई है और हिन्दुओं से संबंधित कानून उसी शास्त्र पर आधारित है। मंदिर की परिक्रमा के साथ पूरे परिसर की परिक्रमा भी प्रभु की आराधना है। परासरण ने पुष्कर, मधुरई सही कई स्थानों का उदाहरण दिया था।

पिछले गुरुवार को रामलला विराजमान की ओर से जारी जिरह में पेश वकील के परासरन ने ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादिप गरीयसि’ संस्‍कृत श्लोक का हवाला देते हुए कहा था कि जन्मभूमि बेहद महत्वपूर्ण होती है। राम जन्मस्थान का मतलब एक ऐसा स्थान जहां सभी की आस्था और विश्वास है।