बाबरी मस्जिद सुनवाई के दौरान हिन्दू पक्ष ने कहा- मस्जिद में नमाज़..?

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अयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ में 10वें दिन की सुनवाई जारी है। इस मामले में याचिकाकर्ता गोपाल सिंह विशारद की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि मैं श्री राम उपासक हूं और मुझे जन्मस्थान पर उपासना का पूरा हक़ है और यह अधिकार मुझसे छीना नहीं जा सकता।

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने 80 वर्षीय अब्दुल गनी की गवाही का हवाला देते हुए कहा कि गनी ने कहा था बाबरी मस्जिद का निर्माण राम जन्मस्थान पर हुआ है। ब्रिटिश राज में मस्जिद में केवल जुमे की नमाज़ होती थी, हिन्दू भी वहां पर पूजा करने आते थे।

रंजीत कुमार ने कहा है कि मस्जिद गिरने के बाद मुस्लिमों ने वहां पर नमाज़ पढ़ना बंद कर दिया, किन्तु हिंदुओं ने जन्मस्थान पर पूजा जारी रखी। इससे पहले बुधवार को रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने अपनी जिरह पूरी कर ली थी।

वैद्यनाथन ने कहा था कि विवादित भूमि पर मंदिर रहा हो या न हो, प्रतिमा हो या न हो, लोगों की आस्था होना ही काफी है, यह सिद्ध करने के लिए कि वही श्री राम का जन्म स्थान है।

वैद्यनाथन ने कहा था कि जब संपत्ति भगवान में निहित होती है तो कोई भी उस संपत्ति को ले नहीं सकता और उस संपत्ति से ईश्वर का अधिकार नहीं छीना जा सकता। ऐसी प्रॉपर्टी पर एडवर्स पजेशन का कानून लागू नहीं होगा।