बाबरी मस्जिद फैसला: आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने कहा..?

   

देश का सबसे चर्चित और विवादित अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले फैसला सुना दिया है।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह राम मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने में ट्रस्ट बनाए।

सात दशक पुराने जमीन विवाद पर पांच जजों द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए फैसल में शीर्ष अदालत ने मामले में एक पक्षकार रहे सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक तौर पर मस्जिद निर्माण के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन देने का भी आदेश दिया है।

इन न्यायधीशों की पीठ ने सुनाया फैसला
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 16 अक्टूबर को इस विवादास्पद मुद्दे पर अपनी सुनवाई पूरी की थी। पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
शीर्ष न्यायालय ने 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े को जमीन देना का निर्णय गलत था। अदालत ने कहा कि जमीन विवाद में मालिकाना हक केवल एक ही वैध पक्ष को दिया जा सकता है।

एलके आडवाणी का बयान
कोर्ट के फैसले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा, मैं आज अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ द्वारा दिए गए ऐतिहासिक फैसले का तहे दिल से स्वागत करता हूं।

मुरली मनोहर जोशी का बयान
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि ये फैसला बहुत ही अच्छा रहा है। यह फैसला एक भारत और श्रेष्ठ भारत हो गया है। भारत अब विकास के नए सौंपान तय करेंगे।