राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्षकार सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद अब क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने पर विचार कर रहे हैं।
The Muslim litigants in the #RamJanmabhoomi–#BabriMasjid title case are now mulling a proposal to file a curative petition following the rejection of their review petition on the judgement by the #SupremeCourt.
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— IANS (@ians_india) December 15, 2019
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, क्यूरेटिव पिटीशन, न्यायालय में शिकायतों के निवारण के लिए उपलब्ध अंतिम न्यायिक सहारा है, जिस पर फैसला आम तौर पर जजों के चैंबर में किया जाता है।
मामले में एक स्वतंत्र वादी, जमीयत उलमा-ए-हिंद (जेयूएच), जल्द ही इस पर फैसला लेने के लिए एक बैठक बुलाएगा। अखिल भारतीय बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी (एआईबीएमएसी) भी एक क्यूरेटिव पिटीशन की संभावना पर चर्चा कर रही है।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में एआईबीएमएसी के संयोजक और वकील जफरयाब जिलानी ने कहा, “मैं सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने के लिए एक आधार का पता लगाने की कोशिश कर रहा हूं।
हम वरिष्ठ वकील राजीव धवन से भी सलाह लेंगे और अगर थोड़ी भी संभावना दिखी, तो ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) से संपर्क किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अदालत ने उनकी पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करने पर भी विचार नहीं किया।