बाबरी मस्जिद का निर्माण दूसरे धर्म को कुचलने के लिए किया गया था- हिन्दू पक्ष

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सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुनवाई चल रही है। शुक्रवार को रामलला विराजमान के वकील सीएस. वैद्यनाथन ने कोर्ट में बताया कि खुदाई से मिले अवशेष से साफ है कि यहां एक ढांचा नहीं बल्कि कई स्तम्भों वाला विशाल मंदिर मौजूद था, जहां पर कई बड़े-बड़े कक्ष थे। ये कक्ष घरों की संरचना से बिल्कुल अलग थे।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि वहां पर नए स्ट्रक्चर की कोई नई नींव नही है, वहां 15 खंभों वाला स्ट्रक्चर भी था। रामलला के वकील की तरफ से कहा गया कि ASI की इस रिपोर्ट में इतने पुख्ता सबूत हैं जिनसे साबित होता है कि मस्जिद का निर्माण धार्मिक मकसद से नहीं बल्कि बदनियत से दूसरे धर्म को कुचलने के लिए किया गया था।

अयोध्या राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर शुक्रवार की सुनवाई पूरी हो गई। अब अगली सुनवाई सोमवार को होगी
इससे पहले रामलला विराजमान के वकील सीएस. वैद्यनाथन ने अदालत में नक्शा और रिपोर्ट दिखाकर कहा कि जन्मभूमि पर खुदाई के दौरान स्तम्भ पर शिव तांडव, हनुमान और देवी देवताओं की मूर्तियां मिली थीं। इसके अलावा पक्का निर्माण में जहां तीन गुम्बद थे, वहां बाल रूप में भगवान राम की मूर्ति थी।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि सुमित्रा भवन में शेषनाग की मूर्ति भी मिली थी। रामलला के वकील सीएस. वैद्यनाथन ने बताया कि पुरातत्व विभाग की जनवरी 1990 की जांच और रिपोर्ट में भी कई तस्वीरें और उनका साक्ष्य दर्ज हैं।

11 रंगीन तस्वीरें उस रिपोर्ट के एल्बम में हैं जिनमें स्तंभों की नक्काशी का डिटेल चित्रण और वर्णन है। उन्होंने आगे बताया कि अप्रैल 1950 में विवादित क्षेत्र का निरीक्षण हुआ तो कई पक्के साक्ष्य मिले। इसमें नक्शे, मूर्तियां, रास्ते और इमारतें शामिल हैं।