बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई 31 अगस्त तक पुरी हो- सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को लखनऊ में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में मुकदमे को 31 अगस्त तक पूरा करने का आदेश दिया है।

 

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बड़े नेता आरोपियों में शामिल हैं। इससे पहले इस मामले में अप्रैल महीने तक फैसला सुनाया जाना था।

 

ट्रायल न्यायाधीश एस. यादव ने छह मई को शीर्ष अदालत को पत्र लिखकर समय बढ़ाने की मांग की, जिसमें कहा गया कि साक्ष्य की रिकॉडिर्ंग भी पूरी नहीं हुई है।

 

न्यायाधीश आर. एफ नरीमन और न्यायाधीश सूर्यकांत की पीठ ने पाया कि नौ महीने बीत चुके हैं, फिर भी पत्र के अनुसार मामले में सबूत पूरे नहीं हुए हैं।

 

इसके साथ ही पीठ ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं और इसका उपयोग किया जाना चाहिए।

 

अदालत ने निर्देश दिया कि अगस्त के अंत तक मुकदमे को पूरा करें और फैसला दें। पीठ ने कहा, छह मई के पत्र को ध्यान में रखते हुए हम 31 अगस्त तक सबूतों को पूरा करने और निर्णय देने की अवधि बढ़ाते हैं।

 

जुलाई 2019 में शीर्ष अदालत ने ट्रायल कोर्ट को छह महीने के अंदर सबूतों की रिकॉडिर्ंग पूरी करने और नौ महीने के भीतर निर्णय देने का निर्देश दिया था।

 

शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश का कार्यकाल बढ़ाने के लिए प्रशासनिक आदेश जारी करने का भी निर्देश दिया था। न्यायाधीश 30 सितंबर 2019 को सेवानिवृत्त होने वाले थे।

 

भाजपा के दिग्गज नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती और 13 अन्य को दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के मामले में आपराधिक साजिश के आरोप में मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है