बाबरी मस्जिद- राम जन्मभूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को पुर्नविचार याचिका दाखिल की जाएगी। यह याचिका जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से दर्ज कराई जानी है।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार यहां राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा। 17 नवंबर को ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा था कि कोर्ट के फैसले की समीक्षा के लिए वह अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करेगा।
मामले में कुल दस याचिकाकर्ताओं में से एक उत्तर प्रदेश में जमीयत के जनरल सेक्रेटरी मौलाना अशद रशीदी पुर्नविचार याचिका दायर करेंगे। उनका कहना है कि मामले में कोर्ट के फैसले का पहला हिस्सा और दूसरा हिस्सा एक दूसरे का विरोधाभासी है।
उनके अनुसार, कोर्ट ने इस बात पर सहमति जताई है कि यहां मस्जिद का निर्माण मंदिर तोड़कर नहीं किया गया था और 1992 का मस्जिद विवाद अवैध है। फिर कोर्ट ने यह जमीन दूसरे पक्ष को क्यों दे दिया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, अयोध्या की विवादित जमीन रामलला विराजमान को सौंप दिया गया। अब इसपर राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा।
वहीं मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने का राज्य सरकार को आदेश दे दिया। आदेश में मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाने को भी कहा गया है। इस ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी शामिल करने का आदेश है।