बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज सुरेंद्र यादव ने फैसला सुनाने की तारीख 30 सितंबर तय की है।
ज़ी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, सीबीआई ने इस केस में दायर अपनी चार्जशीट में 49 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें 17 आरोपियों की मौत हो चुकी है।
अब 32 आरोपियों पर 30 सितंबर को फैसला सुनाया जाएगा। आरोपियों में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार जैसे बीजेपी के दिग्गज नेता शामिल हैं।
बाला साहेब ठाकरे, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णुहरी डालमिया भी इस केस में आरोपी थे, जिनकी मौत हो चुकी है. अन्य आरोपियों में राम विलास वेदांती, साध्वी ऋतंभरा, साक्षी महाराज, चंपत राय, महंत नृत्य गोपाल दास शामिल हैं।
अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद ढहा दी थी। इस आंदोलन का नेतृत्व करने वालों में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी शामिल थे।
इन दोनों को भी बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी बनाया गया था। दोनों नेता विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज करा चुके हैं।
हिंदू पक्ष का दावा था कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद का निर्माण मुगल शासक बाबर ने 1528 में श्रीराम जन्मभूमि पर बने रामलला के मंदिर को तोड़कर करवाया था। जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा था कि बाबरी मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई थी।
वर्ष 1885 में पहली बार यह मामला अदालत में पहुंचा। भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने 90 के दशक में राम रथ यात्रा निकाली और राम मंदिर आंदोलन ने जोर पकड़ा।
6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद का ढांचा तोड़ दिया. तबसे ही यह मामला कोर्ट में चल रहा है।