समय और परिस्थितियां लोगों को कहां से कहां पहुंचा देती है। इसका हालिया उदाहरण बालिका वधू, कुछ तो लोग कहेंगे, सुजाता जैसे कई टीवी सीरियल के निदेशक रह चुके रामवृक्ष गौड़ हैं।
प्रभात खबर पर छपी खबर के अनुसार, मायानगरी मुंबई में करीब दो दशक के कठिन परिश्रम से अपनी पहचान बनाने वाले रामवृक्ष आजमगढ़ में सब्जी बेचने को मजबूर है।
उनकी कहानी भी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। मार्च महीने में वे अपने परिवार के साथ गांव आये थे।
गांव आने का मकसद एक फिल्म के लिए शूटिंग की योजना पर काम करना था, लेकिन इसी दौरान कोराेना के कारण देशव्यापी लॉकडाउन लग गया और प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग गया।
पैसे की कमी के कारण प्रोड्यूसर ने प्रोजेक्ट काे एक साल के लिए टाल दिया। कोई काम नहीं होने के कारण उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा और परिवार की आजीविका के लिए मजबूरन सब्जी बेचने लगे।
रामवृक्ष के पिता भी सब्जी बेचने के व्यवसाय से जुड़े थे और इस काम में वे उनकी मदद करते थे। इसलिए आर्थिक तंगी से निबटने के लिए उन्हें सब्जी बेचना सबसे मुफीद लगा।
This is terrible @soniiannup https://t.co/9PxRC2eMvS
— pallavi ghosh (@_pallavighosh) September 28, 2020
करीब 18 साल पहले आजमगढ़ के अपने गांव से रामवृक्ष बेहतर जिंदगी की तलाश में अपने मित्र के साथ मुंबई गये थे, लेकिन आज फिर वे सब्जी बेचने काे मजबूर हैं।
फिल्म इंडस्ट्री में खुद को स्थापित करने के पहले लाइट विभाग में काम किया। फिर टीवी प्रोडक्शन में काम किया और बाद में निर्देशन में हाथ आजमाया और इसी काम में खुद को स्थापित कर लिया और कई मशहूर सीरियल का निर्देशन कर अपना लोहा मनवाया।