बांग्लादेश प्रशासन ने रविवार को कहा कि उसने देश के कोक्स बाजार जिले में स्थित रोहिंग्या शिविरों के निकट कंटीले तारों की बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया है।
#Bangladesh authorities said on Nov 24 they have started the process of erecting barbed wire fence near #Rohingya camps in the country's Cox's Bazar district, a move that has already been criticized by the rights group.
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— IANS (@ians_india) November 25, 2019
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, सरकार के इस कदम की मानवाधिकार संगठन पहले ही आलोचना कर चुके हैं। बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल अजीज अहमद ने क्षेत्र में एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा, “हमारी तैयारी पूरी तेजी में है। एक शिविर में कुछ खंबे बन चुके हैं।”
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उन्होंने कहा, कैंटोनमेंट में खंबे बनाए जा रहे हैं। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, अहमद ने कहा कि बाड़ लगाने के लिए तार खरीदने की मांग की जा चुकी है और प्रक्रिया पूरी होने में कुछ समय लगेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने म्यांमार और भारतीय सीमा पर 278 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा, “यह (सड़क निर्माण) फिलहाल योजना के चरण में है। हम बहुत जल्द ठेकेदार नियुक्त कर देंगे।”
रोहिंग्या को पूरे देश में फैलने से रोकने के लिए बांग्लादेश ने कॉक्स बाजार जिले में रोहिंग्या शिविरों के चारों तरफ कंटीले तार की बाड़ लगाने की योजना की घोषणा की है।
गृहमंत्री असदुज्जमान खान ने 26 सितंबर को ढाका में संवाददाताओं से कहा कि शिविरों में कानून-व्यवस्था लागू करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री के निर्देश पर शिविरों के चारों तरफ वे बहुत जल्द कंटीले तार लगा देंगे।
न्यूयॉर्क के मानवाधिकार संगठन, ह्यूमन राइट्स वॉच ने इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि यह शरणार्थियों की घूमने की आजादी के अधिकार का उल्लंघन करता है।
संगठन ने 30 सितंबर को एक बयान में कहा, “शिविर के निवासियों की सुरक्षा करना प्रशासन का कर्तव्य है, लेकिन सुरक्षा उपायों से उनके मौलिक अधिकारों और मानवीय जरूरतों में बाधा नहीं पड़नी चाहिए।