पश्चिम बंगाल चुनाव में टीएमसी ने दिया नया नारा!

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पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी से साम-दाम-दंड भेद से मुकाबला कर रहीं सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने अब नया चुनावी नारा दिया है- बंगाल को बेटी वापस चाहिए।

यानी ममता सरकार आसन्न विधानसभा चुनाव में अब इस नारे के सहारे बीजेपी समेत कांग्रेस-लेफ्ट की चुनौती का मुकाबला करेगी। पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने मां, माटी मानुष का नारा बुलंद किया था।

एक तरह से देखा जाए तो टीएमसी का यह चुनावी नारा बीजेपी को बाहरी बताने वाले अपने स्टैंड को ही पुख्ता करता है। यानी बाहरी ताकतों से निपटारे के लिए सूबे को उसकी अपनी बेटी की ही दरकार है।


पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस ने नया चुनावी स्लोगन, ‘बांग्ला नीजेर मेय के ई चाए’ जारी किया है।

इस नारे का मतलब है कि बंगाल अपनी बेटी को ही चाहता है. चुनावी सरगर्मी के बीच सुब्रत बख्शी, पार्थ चटर्जी, डेरेक ओ ब्रायन, शुखेंदु शेखृ रॉय, काकोली घोष दस्तीदार और सुब्रत मुखर्जी ने टीएमसी के इस स्लोगन को जारी किया।

टीएमसी के इस स्‍लोगन को पूरे राज्‍य में लगवाया गया है। ममता का नया स्लोगन बंगाल की बेटी वाले सेंटिमेंट से जुड़ा हुआ है।

लंबे समय से बाहरी और भीतरी की राजनीति करते आ रही तृणमूल ने इस स्‍लोगन से एक बार फिर चुनाव में नई जान फूंक दी है। टीएमसी इस स्‍लोगन के जरिए ये बताने की कोशिश कर रही है कि ममता बंगाल की बेटी हैं और बीजेपी बाहरी शक्ति।

हालांकि जैसे-जैसे राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच दावों-प्रतिदावों समेत आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज होता जा रहा है। इस बीच नेताओं की जबान फिसलने की भी कई घटनाएं हो चुकी हैं।

हालांकि बीते दिनों अमित शाह ने अपनी दो दिवसीय बंगाल यात्रा के दौरान बिहार फॉर्मूले के अनुरूप महिलाओं को लुभाने का सियासी दांव चला है।

उन्होंने कहा था कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनते ही महिलाओं को आरक्षण दिया जाएगा।

इसके अलावा बीजेपी ममता सरकार को आयुष्मान योजना और किसान सम्मान निधि के नाम पर ममता सरकार को घेरती आई है। एक लिहाज से बीजेपी के दिग्गज नेताओं के भाषणों का सार विकास और हिंदुत्व पर ही केंद्रित है।