कोविड-19 वैक्सीन के दुष्परिणाम होने पर मुआवजा देगी भारत बायोटेक!

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भारत में शनिवार 16 जनवरी से कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का आगाज हो गया है।

महानगर टाइम्स पर छपी खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस दिन का बेसब्री से इंतजार था वो आ गया है।

इसी दिन के लिए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने कहा था कि मानव जब जोर लगाता है तो पत्थर पानी बन जाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना टीका विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत की है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो रही है। इस दौरान वह उन लोगों को याद करके भावुक हो गए जो बीमार होने पर अस्पताल गए लेकिन वापस नहीं आए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस कर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स, इन्होंने मानवता के प्रति अपने दायित्व को प्राथमिकता दी।

इनमें से अधिकांश तब अपने बच्चों, अपने परिवार से दूर रहे। उन्होंने एक बार फिर से दवाई भी और कड़ाई भी नारे को दोहराया। इसके बाद दिल्ली एम्स में सफाई कर्मचारी को कोरोना का पहला टीका लगा।

इसके बाद खुद एम्स निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने टीका लगवाया। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने राजीव गांधी महिला एवं बाल अस्पताल में कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरुआत की।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार भारत बायोटेक ने कहा कि कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन की 55 लाख खुराक की आपूर्ति के लिए सरकारी खरीद आदेश प्राप्त करने वाले भारत बायोटेक ने कहा है कि टीकाकरण के बाद किसी भी तरह के गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होने पर कंपनी मुआवजा देगी।