BHU विवाद: प्रोफेसर फिरोज़ के खिलाफ़ संत समाज का बड़ा ऐलान!

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वाराणसी हिंदू विश्वविद्यालय में धर्म संकाय विभाग के मुस्लिम समुदाय सेे जुड़े शिक्षक की नियुक्ति पर उठे विवाद में अब अयोध्या के संत धर्माचार्य भी शामिल हो गए हैं।

पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, अयोध्या के संतों के मुताबिक नियुक्त किया गया अधिकारियों द्वारा तत्काल कार्रवाई न किए जाने पर आंदोलन का रुख तैयार हो सकता है।

जिसको लेकर आज अयोध्या के तोताद्रि मठ में बैठक की गई। जिसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से आए विद्यार्थियों ने भी शामिल हुए।

वाराणसी हिंदू विश्वविद्यालय में धर्म विज्ञान संकाय में प्रोफेसर फिरोज खान के नाम से नियुक्ति की गई है जिसको लेकर बीएचयू सहित अयोध्या के संतों ने विरोध किया है संतो के मुताबिक हिंदू विश्वविद्यालय में मुस्लिम समुदाय के प्रोफेसर की नियुक्ति से गलत संदेश समाज में फैल रहा है।

खबरों के मुताबिक हिंदू रीति रिवाज व सनातन परंपरा के लिए वर्षों पूर्व बने हिंदू विश्वविद्यालय में मुस्लिम समुदाय के द्वारा किस प्रकार की शिक्षा दी जाएगी। तोताद्रि मठ में बैठक की अध्यक्षता किया गया इस दौरान जगद्गुरु रामानुजाचार्य डॉक्टर राघवाचार्य ने नियुक्ति करने वाले बीएचयू के कुलपति को वामपंथी और मार्क्सवादी विचारधारा वाला बताया।

जगद्गुरु रामानुजाचार्य डॉक्टर राघवाचार्य ने कहा कि हिंदूूू विश्वविद्यालय धर्म की शिक्षा के लिए मुस्लिम समुदाय के शिक्षक की नियुक्ति की गई है। जो कि हिंदू धर्म संस्कृतिि व परंपराााा के साथ अन्याय है।
वही बताया अधिकारीी द्वारा इस मामलेे पर ध्यान नही दिया गया तो अयोध्या के संत आंदोलन भी का रूप लेगा जिसमें धर्माचार्य् संस्कृत विश्वविद्यालय केे के विद्यार्थी सड़कों पर उतरेंगे। यह षड्यंत्र के तहत नियुक्ति की गई है।

उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी भाषा का विद्वान हो सकता है। हम सभी लोग उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, ‘कुरान बुत परस्ती नहीं मानता है।

बहुत सी चीजें कुरान में ***** है लेकिन हमारे लिए धर्म का विषय है। जो व्यक्ति इस्लाम धर्म को फॉलो कर रहा है वह हमारी धार्मिक शिक्षा की आस्था को कैसे बता पाएगा। वही बतायाा कि जिस तरह सेे लोकतंत्र् के नाम पर ज्ञान के नाम पर वह भाषा के नाम पर हमारी धार्मिक गतिविधियों मे इस तरह का हस्ताक्षेप भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है ।

वही बताया वाराणसी हिंदू विश्व विद्यालय के कुलपति राकेश भटनागर जेएनयू के छात्र रह चुके हैं जिस विद्यालय में देश विरोधी गतिविधियों कश रीजन होता है उस स्थान से पढ़े हुए व्यक्ति से क्या आशा किया जा सकता है।

साभार- पत्रिका