BHU विवाद: फिरोज़ खान को लेकर आज हो सकता है फैसला!

   

बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.फिरोज खान को लेकर चल रहे विरोध का पटाक्षेप शनिवार को कार्यकारिणी परिषद की बैठक के बाद हो सकता है।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में होने वाली बैठक में एसवीडीवी की नियुक्ति के विरोध में की गई शिकायत के साथ ही आयुर्वेद और कला संकाय में हुए साक्षात्कार का लिफाफा भी खोला जाएगा।

इधर शुक्रवार को बीएचयू के अधिकारी-कर्मचारी जरूरी कागजातों के साथ दिल्ली रवाना हो गए। बैठक में फिरोज के अलावा अन्य विभागों में हुई नियुक्तियों पर भी फैसला होने की संभावना है।

बीएचयू में पांच नवंबर को एसवीडीवी संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए साक्षात्कार और छह को परिणाम आने के अगले दिन से ही डॉ. फिरोज खान का विरोध हो रहा है।

संकाय के छात्र नियुक्ति को महामना के आदर्शों और नियमों के विपरीत बताते हुए लगातार आंदोलनरत है।

इस बीच संकाय के पूर्व प्रमुख और प्रोफेसरों ने भी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को शिकायत कर संकाय में फिरोज की नियुक्ति को गलत बताते हुए इसे रद करने की मांग की है।

यह सब चल ही रहा था कि 29 नवंबर को आयुर्वेद और चार दिसंबर को कला संकाय में फिरोज ने साक्षात्कार दिया, जिसका लिफाफा अभी नहीं खुला है।

शनिवार को कुलपति की अध्यक्षता में होने वाली कार्यकारिणी परिषद में इन संकायों के लिफाफे भी खोले जाएंगे। साथ अन्य विभागों में हुई नियुक्तियों पर भी परिषद की मुहर लगेगी।

फिरोज की एसवीडीवी के साहित्य विभाग में नियुक्ति को एक महीने का समय बीत गया लेकिन अब तक वह एक दिन भी संकाय नहीं गए हैं। संकाय में परीक्षा की तैयारी चल रही है और शिक्षक अपने-अपने विभाग में परीक्षा तैयारी में लगे हैं।

संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में छात्रों का धरना पांचवें दिन भी जारी रहा। इस दौरान शुक्रवार को भी छात्रों ने भजन गाकर देवी-देवताओं से अपने इस अभियान में सफलता की कामना की।

एक ओर संकाय गेट पर छात्र धरने पर बैठे रहे और दूसरी ओर संकाय में शिक्षक आते-जाते रहे लेकिन किसी ने इस मामले में छात्रों से बातचीत भी नहीं की। उधर छात्रों ने बताया कि बीएचयू प्रशासन द्वारा मांगें पूरी न किए जाने तक धरना जारी रहेगा।

बीएचयू एसवीडीवी में धरने पर बैठे छात्रों ने शुक्रवार को होने वाले यूजीसी नेट के पेपर को छोड़ दिया है।

चक्रपाणि ओझा, कृष्ण कुमार पांडेय, रामाशीष मिश्र आदि छात्रों ने बताया कि महामना के सम्मान, आदर्शों, मूल्यों की रक्षा के लिए इस तरह का त्याग करने को तैयार हैं।

बताया कि पेपर तो अगली बार भी दिया जा सकता है, लेकिन महामना के सम्मान और संकाय में जो आंच एक बार लग जाएगी, उसको मिटाया नहीं जा सकता है।